Saturday 19 October 2013

वामपंथी आंदोलन सही दिशा में आगे बढ़ा होता तो........................शेष नारायण सिंह/असरार खान

Asrar Khan commented on a status.



लोकजनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ,राम विलास पासवान की प्रेस वार्ता में कल मैं भी पंहुच गया . बहुत दुखी थे. लक्ष्मणपुर बाथे में हुए नरसंहार के अभियुक्तों के बरी हो जाने पर बहुत दुखी थे . लेकिन कोई स्टैंड लेने को तैयार नहीं थे .एक समय में वंशवादी राजनीति के घोर विरोधी रहे रामविलास जी के बाएं बाजू उनके पुत्र विराजमान थे और दाहिने बाजू उनके भ्राता . रामविलास जी की राजनीति में वह जादू है कि वी पी सिंह , बीजेपी और कांग्रेस सभी उनको बहुत प्रेम करते हैं और उनको किसी भी पार्टी में सद्गुण नज़र आ जाता है . बस शर्त यह है कि पार्टी को उस वक़्त सत्ता में होना चाहिए . इस बार यू पी ए के समर्थक हैं . इसके पहले एन डी ए के समर्थक भी रह चुके हैं . १९८९ में वी पी सिंह के तो बहुत बड़े सिपहसालार थे . आजकल हमारे कई प्रगतिशील और वामपंथी साथी भी उनके साथ हैं .रामविलास जी अच्छे इंसान हैं.


  • Chanchal Bhu १९८० का रिटायर कामरेड् असरार वहाँ हैं क्या ? हों तो हटा दीजियेगा पासवान के साठ वो भी नाली में न गिर जाय .

  • Amalendu Upadhyaya जी। हमारे वरिष्ठ पत्रकार साथी श्री असरार खान साहब भी लोजपा के राष्ट्रीय सचिव हैं। यह खुशी की बात है http://www.lokjanshaktiparty.org.in/office-_bearers.html

  • Mahesh Rathi BHUTPURVA LOHIAWADI KAH SAKTE HEY?SAMYAWADIO KA TO FILSAFA SAMAJH NAHI AATA KABHI LALOO KO TO KABHI KARUNANIDHI KO APNA NATURAL ALLY MANATE HEY.LAGATA HEY VICHARDHARA BHALE HI DEBATABLE RAHI HO LEKIN VYAKTIO KI IMANDARI BHI INKI SANGAT SE TAI KARE TO TAJJUB WALI HEY.

  • Devendra Yadav कुछ भी कहिये! अब वंशवादी राजनीति पर सभी चुप हैं। ये मुद्दा भी नही बन पायेगा। वस्तुतः लोकतंत्र और राजतन्त्र का कारवां सामानांतर दौड रहा है।



  • Asrar Khan चंचल जी राजनीति में कोई रिटायर नहीं होता ..आज आपने जेपी पर लिखा है जिन्होंने बुढापे में हिलाकर रख दिया था ..../ मैं नौ साल की उम्र में कम्युनिस्ट बन गया था इस तरह २२ साल की उम्र में माकपा का असली चेहरा सामने आ चुका था ...तो उसे छोड़ दिया ....लेकिन उतने बड़े संगठन को छोड़ने के बाद अकेले भी लड़ता रहा और आज १९८३ के जेएनयू छात्र आंदोलन में उपलब्धि के नाम पर अगर किसी के पास कुछ है तो वह केवल मेरे पास है .....थोड़ा सा विद्रोही के पास भी होगा लेकिन वह अपनी निजी लड़ाई की वजह न के बराबर ही है ...बाकी सारे छात्र संगठन खलनायक सिद्ध हो चुके हैं ....यह मेरी बड़ी उपलब्धि है जिसे याद करने भर से मेरे अंदर भगत सिंह जैसा साहस पैदा होता है ../ ऐसी अनेको घटनाएं हैं जिन्हें याद करके मैं खुश हो लेता हूँ और मुझे अपनी सोच पर आगे चलने की प्रेरणा स्वतः मिलती रहती है .../

  • Asrar Khan शेष नारायण जी आपने मुझे बहुत अहमियत दिया और इतना बड़ा पोस्ट लिख डाले ...मैं आपका शुक्रिया कैसे अदा करूँ सोच नहीं पा रहा हूँ ...?
    मैं आपको यह बताना चाहता हूँ कि पासवान जी के साथ मैं हूँ और वहाँ पर लोग मुझे जानते हैं कि मैं मार्क्सवादी विचारधारा का समर्थ
    क हूँ ...खुद वे मुझे एक कम्युनिस्ट के तौर पर ही जानते हैं ....यानि कि मैं किसी चोरी से नहीं हूँ ....खैर मैं इतना ही कहना मुनासिब समझता हूँ कि पासवान जी एक बेदाग़ नेता हैं और सभी राजनितिक घरानों की तरह उनके परिवार के लोग भी उनकी पार्टी में हैं उनके साहबजादे भी राजनीति में कदम रख चुके हैं लेकिन उन्होंने कभी भी न तो अपने पिता श्री राम विलास पासवान या किसी अन्य पार्टी मेंबर को अपमानित किया है और न ही किसी ड्रामे के जरिये चर्चाओं में आने की कोशिअश करते हैं ....अभी तक मैंने उन्हें पासवान जी के किसी दस्तावेज को फाड़ते हुए नहीं देखा बल्कि जोड़ते हुए जरूर देखा है .../
    यह भी बताना जरूरी है कि अगर भारत का वामपंथी आंदोलन सही दिशा में आगे बढ़ा होता तो मैं भी वहीँ होता और मेरे जैसे अनेकों लोग जो वामपंथ से निराश होकर इधर-उधर विखर गए हैं और उनकी भूमिका संदिग्ध नज़र आ रही है वे भी वाम के लिए मर मिटते ..

  • Gyanendra Pandey aaj to communist parties bhi avsarvadi ho gayi hein to bechare Ram vilas paswan ji kyon peechhe rahen.

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