Wednesday 18 December 2013

भोजपुरी का शेक्सपीयर: भिकारी ठाकुर ---संजोग वाल्टर/प्रकाश कुमार







भिखारीठाकुर (18 दिसम्बर 1887 -10 जुलाई, 1971) 
  भोजपुरी के समर्थ लोक कलाकार, रंगकर्मी लोक जागरण के सन्देश वाहक, नारी विमर्श एवं दलित विमर्श के उद्घोषक, लोक गीत तथा भजन कीर्तन के अनन्य साधक थे। भिखारी ठाकुर बहुआयामी प्रतिभा के व्यक्ति थे। वे एक ही साथ कवि, गीतकार, नाटककार, नाट्य निर्देशक, लोक संगीतकार और अभिनेता थे। भिखारी ठाकुर की मातृभाषा भोजपुरी थी और उन्होंने भोजपुरी को ही अपने काव्य और नाटक की भाषा बनाया। उनको 'भोजपुरी का शेक्सपीयर' भी कहा गया।




फ्रेंच अभिनेत्री लेया और भोजपुरी गायिका देवी





 भारत के कलरफुल कल्चर और हैप्पी पीपुल की आतिथ्य सत्कार को दिल से नमन : लेया
भोजपरी के शेक्सपीयर भिखारी ठाकुर की 126वीं जयंती समारोह में शिकरत करेंगी फ्रांस की अभिनेत्री

भारत की संस्कृति और भोजपुरिया माटी की सुगंध के आकर्षण ने फैशन सिटी पेरिस की कलाकार लेया पर कुछ इस तरह जादू किया कि वह बरबस छपरा खींची चली आयी। फ्रांस का पेरिस शहर दुनिया भर में अपने फैशन के अंदाज और एफिल टावर के लिए प्रसिद्ध है। देश-दुनिया के लोगों की दिली तमन्ना खासकर सिने कलाकारों की इच्छा जीवन में एक बार इस जगह पर पहुंचने और करीब से देखने की होती है। पेरिस में जन्मीं और पली-बढ़ी इस खूबसूरत बाला को इस शहर का मोह पाश भी नहीं बांध पाया। बचपन से लेकर आज तक कई टीवी सीरियलों में काम कर चुकीं इस अभिनेत्री को शुरू से ही भारतीय संस्कृति की सहजता ने मन मोह लिया था। सिने स्टार व भोजपुरी की प्रसिद्ध गायिका देवी के छपरा स्थित आवास पर मुलाकात के दौरान दिलकश मुस्कान बिखेरती इस अभिनेत्री हाथ जोड़ते हुए बोल पड़ती हैं नमस्कार! भारत के कलरफुल कल्चर और हैप्पी पीपुल की आतिथ्य सत्कार को वह दिल से नमन करती है। उनका कहना है कि दुनिया में ऐसा आतिथ्य देखने को नहीं मिलता। यहां के लोगों की आत्मीयता की वे कायल हो गयी हैं। फ्रांस की कई टीवी सीरियल और डाक्यूमेंट्री की यह अदाकारा एक अच्छी बैले डांसर भी हैं। बावजूद इसके कत्थक, भरत नाट्यम और अन्य कई शास्त्रीय नृत्यों की वह दीवानी हैं। रामलीला, देवदास, वीरजारा जैसी हिंदी फिल्म उसे काफी पसंद आयी। हिंदी फिल्मों में काम करने के लिए उसे आफर मिलने शुरू हो गये हैं लेकिन अभी वह भारतीय संस्कृति, भाषा और यहां के अप्रतिम प्राकृतिक सौंदर्य को सहेज लेना चाहती हैं। वाराणसी, ऋषिकेष के बाद देवी की भोजपुरी फिल्मों ने उसे छपरा आने पर मजबूर कर दिया। हिंदी और भोजपुरी गानों को सुन वह झूम उठती हैं। कहती हैं- ठोड़ा-ठोड़ा अन्डर स्टैण्ड, दीज लैंग्वेजेज वेरी इंटरेस्टिंग। भोजपुरी के शेक्सपियर भिखारी ठाकुर जयंती समारोह में शिरकत करने आयीं है। बुधवार को वे इस महान नाटककार और सामाजिक प्रणोता की 126वीं जयंती पर उन्हें अपना भाव पुष्प अर्पित करेंगी।

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