Tuesday 4 March 2014

कम्यूनिज़्म के विध्वंसक हैं आ आ पा समर्थक

AAP=आ आ पा समर्थक ये लोग खुद को कम्यूनिज़्म का सबसे बड़ा वफादार भी कहते हैं और सबसे पुरानी कम्युनिस्ट पार्टी के बड़े नेताओं पर बड़ी शान के साथ प्रहार भी करते हैं। जो बड़े नेता उनको समझाने का प्रयास करर्ते हैं उन पर ही न समझने का आरोप भी ये लोग जड़ देते हैं जैसा कि निम्नांकित  स्क्रीन शाट सिद्ध कर रहे हैं। इन साहब के मन्त्र्दाता ने आदरणीय कामरेड बर्द्धन जी के जन्मदिवस पर अप्रत्यक्ष प्रहार किया था जैसा कि आगे दिये गए स्क्रीन शाट में वर्णित है। उसी से प्रेरणा लेकर बर्द्धन जी व अनजान साहब के मुखर आलोचक साहब ने अगले दिन बर्द्धन जी पर सीधा हमला बोल दिया। 















2002 के दंगों के बाद की तस्वीर में बहुजन समाज पार्टी की नेता
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मेरा तो सुदृढ़ व स्पष्ट विचार है कि -मनमोहन जी के आउट आफ डेट होने तथा मोदी साहब के जन-संहार के दोष से मुक्त न होने के बाद देशी-विदेशी कारपोरेट ने केजरीवाल को आगे करके AAP को खड़ा किया है जो है ही NGOs का राजनीतिक संगठन। अतः समस्त NGOs संचालक चाहे वे वामपंथी हों या दक्षिन्-पनथी AAP के सिवा कहाँ शरण लेंगे? अतः कम्युनिस्ट पार्टियों  में घुसपैठ किए हुये पूँजीपतियों के दलाल प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से RSS के दूसरे मुखौटा केजरीवाल और उनकी पार्टी का समर्थन कर न केवल उनको लाभ पहुंचाना वरन कम्युनिस्ट पार्टी और कम्युनिस्ट आंदोलन को क्षति पहुंचाना चाहते हैं और इसी क्रम में वे पार्टी के लोकप्रिय नेताओं की छवी धूमिल करते रहते हैं। और चूंकि उन पर बड़े लोगों में से ही कुछ का वरद हस्त रहता है इसलिए उनके हौंसले भी बुलंद रहते हैं। हज़ारे आंदोलन के समय ही केजरीवाल व हज़ारे के संघी सिपाही होने की बात सामने आ चुकी है। संघ के समर्थन से सरकार बना चुकी बसपा का समर्थन भी कम्युनिस्ट पार्टी में छिपे संघियों का ही करिश्मा है। 


और CPM ने तो अपने केरल के एक अखबार में मोदी का विज्ञापन पैसों की कमाई के लिए छाप दिया है । इससे पहले भाजपा कार्यकर्ताओं को भी CPM में शामिल किया जा चुका है। शायद यह RSS ब्रांड कम्यूनिज़्म होगा?


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