Wednesday 23 May 2018

‘‘पोल खोल-हल्ला बोल’’ ------ प्रेमनाथ राय / अरविंद राज स्वरूप

फोटो सौजन्य से अरविंद राज स्वरूप 
 दोनों फोटो सौजन्य से प्रदीप शर्मा 



Arvind Raj Swarup Cpi
23-05-2018 
जन एकता! जन अधिकार!! जन प्रतिरोध!!!
जन एकता, जन अधिकार आंदोलन, उत्तर प्रदेश
(जन संगठनों, वर्गीय संगठनों, सामाजिक संगठनों, आंदोलनों सहित प्रगतिशील
समूहों व व्यक्तियों का मंच)
लखनऊ
--------------------------------------------------

भाजपा की केन्द्र सरकार के चार साल पूरा होने पर
प्रदेश के सभी जिलों समेत राजधानी लखनऊ में ‘‘पोल खोल-हल्ला बोल’’ के तहत
किया गया प्रदर्शन
लखनऊ 23 मई। केन्द्र में भाजपा की सरकार के चार साल पूरा होने पर सौ से
ज्यादा संगठन मिलकर ‘‘पोल खोल-हल्ला बोल’’ अभियान के तहत आज 23 मई को
प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों सहित प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जोरदार
विरोध प्रदर्शन किया गया।
राज्य केन्द्र पर प्राप्त सूचना के अनुसार प्रदेश के 30 से ज्यादा जिलों
में धरना प्रदर्शन किया गया। बलिया, गाजीपुर, इलाहाबाद, कानपुर, फैजाबाद,
जौनपुर, हाथरस,वाराणसी, मुरादाबाद, बुलंदशहर, इटावा, लखीमपुर, मऊ, आजमगढ़,
मथुरा, कासगंज आदि जिलों में सैकड़ों की तादाद में लोग सड़कों पर उतरे और
विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
इसी क्रम में आज लखनऊ में जन एकता जन अधिकार आंदोलन बैनर तले 30 से
ज्यादा संगठनों के कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन
किया। प्रदर्शन से पूर्व इप्टा के कार्यालय 22 कैसरबाग में ‘‘हवालात’’
नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। नाटक के माध्यम से जनविरोधी मोदी सरकार का
पर्दाफाश किया गया। नाटक के बाद प्रदर्शनकारी बारादरी, परिवर्तन चौक,
बी0एस0एन0एल0 कार्यालय चौराहा होते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे।
इस अवसर पर हुई सभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि केन्द्र की
मोदी सरकार ने ‘‘अच्छे दिन’’ और ‘‘सबका साथ-सबका विकास’’ का नारा दिया
था। यह भी कहा था कि विदेश से काला धन वापस आयेगा और सभी के खाते में 15
लाख रूपये आयेंगे। मोदी सरकार ने अपने किये गये वायदों में से किसी को भी
पूरा नहीं किया। यही नहीं सरकार आने के बाद योजना आयोग को भंग कर नीति
आयोग बना दिया गया है। इन चार वर्षों में मजदूरों, किसानों, छात्रों,
नौजवानों, महिलाओं, दलितों एवं अल्पसंख्यकों पर हमले तेज हुए हैं। महंगाई
में बेतहाशा वृद्धि हुई है। डीजल और पेट्रोल की कीमतें आसमान छू रही हैं।
आम जनता की क्रय शक्ति में भारी कमी आयी है। श्रम सुधारों के नाम पर
मजदूरों के अधिकारों में कटौती की गयी है। सरकार जिलों में धरना/प्रदर्शन
करने के लोकतांत्रिक अधिकार पर हमला इस रूप में कर रही है कि अब
जिलाधिकारी कार्यालयों/कचेहरी पर परम्परागत धरना प्रदर्शन स्थल पर रोक
लगायी जा रही है।
वक्ताओं ने कहा कि इस दौर में भ्रष्टाचार में बेतहाशा वृद्धि हुई है।
कानून व्यवस्था में भारी गिरावट आयी है। बेरोजगारी में वृद्धि हुई है।
केन्द्र और राज्य सरकार के विभागों में लाखों पद रिक्त पड़े हैं, उन पर नई
नियुक्तियां नहीं हो रही हैं। पदों को समाप्त करने की कोशिश हो रही है।
सामाजिक सुरक्षा सुविधाओं-आंगनवाड़ी, मनरेगा आदि के बजट में लगातार कटौती
की जा रही है।
जिलाधिकारी कार्यालय पर सभा हुई। जिसकी अध्यक्षता अरविंद राज स्वरूप व
संचालन प्रवीन पाण्डेय ने किया। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के नाम
ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया। सभा को प्रेमनाथ राय, रमेश सिंह, आशा मिश्रा,
महराजदीन चौधरी, उदय सिंह, सीमा राना, अनुपम यादव, फूलचंद यादव, परमानंद
द्विवेदी, एस0पी0 विश्वास आदि ने सम्बोधित किया।
उक्त जानकारी जन एकता-जन अधिकार आंदोलन की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति
में प्रेमनाथ राय ने दी।
साभार : 
https://www.facebook.com/arvindrajswarup.cpi/posts/2108954685989325

1 comment:

  1. चुनाव नजदीक आते ही फ़ोकट में ही जनता जनार्दन को बड़ी रौनक आसानी से देखने को मिल जाती है शहर-शहर, गांव-गांव


    ReplyDelete