Saturday 13 April 2019

क्यों साईडलाईन हुआ साम्यवादी आंदोलन ? ------ विजय राजबली माथुर


कांग्रेस ने इन्दिरा गांधी को और बाद में सोनिया गांधी को भी दक्षिण और उत्तर भारत दोनों जगह से खड़ा किया और दोनों जगह जीत हासिल की है उसी प्रकार राहुल गांधी को भी दो जगह से खड़ा किया है।
 Left का आंकलन सही नहीं निकलने वाला है  कि, वह वायनाड की सीट ** छोड़ेंगे। Left जनता की नब्ज पर हाथ रख कर नहीं चलता है इसीलिए पिछड़ जाता है। 
लेकिन 1986 से ही अपनी भाकपा - सपा - भाकपा में सक्रियता के आधार पर कुछ निष्कर्षों पर पहुंचा हूँ और समय -समय पर उनको अभिव्यक्त भी करता रहा हूँ। अपनी तमाम राजनीतिक ईमानदारी के बावजूद हम लोग अपनी प्रचलित प्रचार -शैली के चलते उस जनता को जिसके लिए जी - जान से संघर्ष करते हैं प्रभावित करने में विफल रहते हैं। हम लोगों के प्रति लोगों का नज़रिया संकुचित व कुछ हद तक कुत्सित भी रहता है।
उदाहरणार्थ  : 
सांप्रदायिकता वस्तुतः साम्राज्यवाद की सहोदरी है। साम्राज्यवाद ने हमारे देश की जनता को भ्रमित करने हेतु 1857 की क्रांति की विफलता के बाद जो नीतियाँ अपनाईं वे ही सांप्रदायिकता का हेतु हैं। जाने या अनजाने हम लोग साम्राज्यवादियो की व्याख्या को ही ले कर चलते हैं जिसके चलते जनता हम लोगों को अधार्मिक मान कर चलती है और इसमें प्रबुद्ध साम्यवादी / वाम पंथियों का प्रबल योगदान है जो 'एथीस्ट ' कहलाने में गर्व का अनुभव करते हैं। शहीद भगत सिंह और महर्षि कार्ल मार्क्स को हम लोग गलत संदर्भ के साथ उद्धृत करते है जिसका नतीजा सांप्रदायिक शक्तियों ने भर पूर उठाया है। व्यक्तिगत आधार पर अपने लेखों के माध्यम से स्थिति स्पष्ट करने की कोशिशों को अपने ही वरिष्ठों द्वारा किए तिरस्कार का सामना करना पड़ा है। ब्राह्मण वादी मानसिकता के कामरेड्स जान बूझ कर प्रचलित शैली से प्रचार करना चाहते हैं जिससे आगे भी सांप्रदायिक शक्तियाँ लाभ उठाती रहें। इस संदर्भ में एक कामरेड के इस सुझाव को भी नज़र अंदाज़ करना अपने लिए घातक है। 


जो वरिष्ठ  कामरेड  यह कहते हों कि, ओ बी सी और एस सी कामरेड्स से सिर्फ काम लिया जाये और उनको कोई पद न दिया जाये वस्तुतः फासिस्टों का ही अप्रत्यक्ष सहयोग कर रहे हैं और वे ही लोग उत्तर प्रदेश में हावी हैं। ऐसी परिस्थितियों में   सारे संघर्ष पर पानी फिर जाता है। पहले अपने मोर्चे पर भी WAY OF PRESENTATION को बदलना होगा । थोड़ी सी  ही तबदीली करके हम जनता के बीच से फासिस्टों का आधार ही समाप्त करने में कामयाब हो जाएँगे। किन्तु इसके लिए पहले ब्राह्मण वादी कामरेड्स को काबू करना होगा। 


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14-04-2019 


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