Monday 16 September 2013

नरेन्द्र मोदी गुजरात दंगे के लिए देश का अपराधी : गुरुदास दासगुप्ता

 
Aisf Aurangabad:
पटना : भाकपा, माकपा, फारवर्ड ब्लाक एवं आरएसपी द्वारा रविवार को भारतीय नृत्य कला मंदिर में आयोजित राजनैतिक कन्वेंशन में कांग्रेस और भाजपा के नीतियों से अलग वैकल्पिक नीतियों का साझा मंच तैयार करने की घोषणा की गई। वहीं वाम एकता की कीमत पर जदयू से कोई चुनावी समझौता नहीं करने का ऐलान किया गया।
माकपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रकाश करात ने कहा कि बिहार में वाम एकता को मजबूत करना है। वैकल्पिक नीतियों के बूते देश में वाम-जनवादी एकता को खड़ा करने का प्रयास जारी है। इस राज्य में जदयू और भाजपा का अवसरवादी गठबंधन था। वाम दल अवसरवादी राजनीति के खिलाफ है। मगर यहां गठबंधन टूटने के बाद सांप्रदायिक दंगे बढ़े हैं। भाजपा और आरएसएस द्वारा सांप्रदायिकता उन्माद को बढ़ा रहा है। जम्मू कश्मीर, बिहार और उत्तर प्रदेश में हुए दंगे इसके उदाहरण है।
भाजपा कांग्रेस का विकल्प नहीं बन सकती है। दोनों की नीतियों में कोई अंतर नहीं है। निजीकरण एवं बाजारीकरण की नीतियों को लागू करने में दोनों की नीति एकसमान है। उनके मुताबिक केन्द्र में धर्मनिरपेक्ष दलों की सरकार बनेगी पर वह कांग्रेस और भाजपा के नेतृत्व में नहीं बनेगी। देश में न नरेन्द्र मोदी की लहर है और नहीं राहुल गांधी की। वाम दलों ने फैसला लिया है कि कांग्रेस एवं भाजपा के विकल्प के लिए वैकल्पिक नीतियों को सामने लाएंगे। इन नीतियों के बूते केन्द्र की सत्ता से कांग्रेस और भाजपा से अलग वैकल्पिक सरकार देंगे।
प्रकाश करात ने भाजपा को आरएसएस की कठपुतली करार देते हुए कहा कि नरेन्द्र मोदी को आरएसएस ने पीएम प्रत्याशी घोषित किया है। गुजरात में नरेन्द्र मोदी ने अंबानी, बिड़ला एवं टाटा जैसे कारपोरेट घरानों को एक लाख एकड़ जमीन दिया। ये घराने ही नरेन्द्र मोदी को पीएम बनाने की बात कर रहे हैं।
एक सवाल पर भाकपा के राष्ट्रीय सचिव गुरुदास दासगुप्ता ने दो टूक लहजे में बताया कि वाम एकता की कीमत पर जदयू से कोई समझौता नहीं होगा। विधानसभा में नीतीश सरकार को समर्थन केवल भाजपा को अलग रखने पर दिया है। इससे चुनावी तालमेल का कयास नहीं लगाना चाहिए। वाम एकता में भाकपा (माले) भी साथ है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार हर मोर्चे पर फेल हो चुकी है। महंगाई, भ्रष्टाचार, विदेशी ताकतों के हमले, फासीवादी एवं सांप्रदायिकता शक्तियों की बढ़ते हौसले से देश की एकता-अखंडता खतरे में पड़ती जा रही है। मनमोहन सरकार जनविरोधी और पूंजीपतियों की पोषक है। मनरेगा में लूट मची है। मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी तक नहीं मिल रहा है। प्राकृतिक संसाधनों को कारपोरेट घरानों को सौंपा जा रहा है। कांग्रेस और भाजपा पूंजीपतियों के हित में कार्य कर रही है जो चुनाव में खर्च के लिए पैसे उगाही करती है।
उन्होंने नरेन्द्र मोदी को गुजरात दंगे के लिए देश का अपराधी बताया। कहा कि ऐसे क्रिमिनल को पीएम उम्मीदवार बनाकर भाजपा एवं आरएसएस ने अपना एजेंडा थोप दिया है। हिन्दू-मुस्लिम एकता को तोड़ने की साजिश रची जा रही है।

भाकपा के राज्य सचिव राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने 15 सूत्री प्रस्ताव को पेश किया। इसमें भूमि सुधार कानून को लागू करने, मनरेगा से मजदूरों को सौ दिन काम दिलाने, शिक्षा, स्वास्थ्य, खुदरा व्यापार और विदेशी पूंजी निवेश को रोकने आदि मुद्दों को लेकर जनसंघर्ष तेज करने का संकल्प है। सीपीआई (एम) के सचिव विजयकांत ठाकुर, फारवर्ड ब्लाक के सचिव वकील ठाकुर एवं आरएसपी के सचिव महेश सिन्हा ने भी कन्वेंशन को संबोधित किया। जब्बार आलम, सर्वोदय शर्मा और अमेरिका महतो ने संयुक्त रूप से कन्वेंशन की अध्यक्षता की।

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