Sunday 24 April 2016

जनता आखिर कब तक पीडित होगी,सूर्योदय होकर रहेगा ------ कन्हैया कुमार

Kanhaiya Kumar and Students leaders
(क्यों पूना जाते समय एयरवेज में कन्हैया कुमार पर प्राण घातक हमला हुआ और क्यों  वहाँ उसे पुलिस ने धारा १४४(२) के तहत भाषण न देने का आदेश दिया )



RSS की जातिवादी राजनीति छोड़ जनता के लिए कुछ काम करें PM मोदीः कन्हैया
अप्रैल 24, 2016 भारत

जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला और कहा कि मोदी सरकार को जुमलेबाजी और आरएसएस की जीतिवादी राजनीति को बंद कर जनता के लिए काम शुरू करना चाहिए, क्योंकि जनता का धैर्य अब जवाब दे रहा है। 

हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, एफटीआईआई के छात्र मुंबई में स्टूडेंट यूथ असेंबली के लिए मिले। इनमें जेएनयू छात्र संघ के नेता कन्हैया कुमार भी शामिल हुए। मुंबई में तिलक नगर में विद्यार्थियों की एक रैली में कन्हैया ने कहा कि जनता स्टैंड-अप इंडिया, मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया जैसे जुमले और झूठे वादे तथा सांप्रदायिक-जातिवादी राजनीति नहीं चाहती, बल्कि वह शिक्षा, रोजगार, और विकास चाहती है। 

कन्हैया ने तालियों की गडगडाहट के बीच अपने भाषण में कहा, हमारी राजनीति सामाजिक न्याय की है, देश की आम जनता की मदद करने की है। देश के विद्यार्थी और श्रमिक एकजुट हो रहे हैं। इसलिए मोदी सरकार इतना डरी हुई है।

कन्हैया ने आरएसएस द्वारा प्रेरित जातिवादी राजनीति के पूर्ण सफाए की मांग की और कहा कि उनका संघर्ष लोकतंत्र को बचाने और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने तथा सशक्तिकरण को लेकर है। 

उन्होंने कहा, जनता आखिर कब तक पीडित होगी,सूर्योदय होकर रहेगा। कन्हैया यहां वामपंथी, छात्र एवं युवा संगठनों की ओर से आयोजित एक शैक्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेने आए हुए थे। इसके बाद रविवार को वह पुणे में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।

कन्हैया कुमार ने कहा सेल्फी खींचने वाले पीएम के साथ, सेल्फी खींचकर आप आंदोलन नहीं जीत सकते। जुमलेबाज़ों और जांबाज़ों में संघर्ष छिड़ा है। इनकी नफरत देखिए हर शहर में मुझ पर जूता फेंकते हैं, लेकिन वो भी सिर्फ दाएं पैर का, अगर लेफ्ट भी फेंक दें तो जोड़ी बन जाए। कन्हैया यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा सरकार कई कार्यक्रम चला रही है, लेकिन ये 'मेक इन इंडिया' नहीं फेक इन इंडिया है।

http://www.hindkhabar.in/india/2121-pm-modi-do-some-work-for-people-not-rss

No comments:

Post a Comment