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Tuesday, 19 Jul, 7.24 pm
राजद्रोह के मामले की जांच में बाधा पैदा नहीं कर रहे कन्हैया : दिल्ली हाई कोर्ट :
नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज कहा कि ऐसा नहीं लगता कि जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) अध्यक्ष कन्हैया कुमार राजद्रोह के मामले की छानबीन में बाधा पैदा कर रहे हैं. अदालत ने पुलसि से जानना चाहा कि क्या ऐसे हालात हैं कि कन्हैया को मिली अंतरिम जमानत रद्द करने की जरुरत है.
इस मामले में दिल्ली पुलसि की पैरवी के लिए विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) नियुक्त किए गए वकील शैलेंद्र बब्बर से न्यायमूर्ति पी एस तेजी ने पूछा, ''जब आपकी जांच सही से चल रही है, तो ऐसा क्या है कि (कन्हैया की) जमानत रद्द कराने की जरुरत है ? वह चल रही जांच में कोई बाधा पैदा नहीं कर रहे.' अदालत के सवाल का जवाब देते हुए बब्बर ने कहा कि जमानत रद्द करने के लिए पुलसि की ओर से कोई अर्जी दाखिल नहीं की गई है.
सुनवाई के दौरान बब्बर ने कहा, ''हम इसकी (जमानत रद्द करने की) मांग नहीं कर रहे.' कुछ निजी व्यक्तियों ने कन्हैया को दी गई छह महीने की अंतरिम जमानत रद्द करने की मांग की है. अर्जी दाखिल करने वालों ने इस आधार पर जमानत रद्द करने की मांग की है कि मार्च में तिहाड जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने जो भाषण दिया वह ''राष्ट्र विरोधी' था और उन्होंने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है.
उच्च न्यायालय ने दो मार्च को कन्हैया को अंतरिम जमानत दी थी. बीते नौ फरवरी को जेएनयू परसिर में हुए एक विवादित कार्यक्रम में कथित तौर पर देश विरोधी नारेबाजी के मामले में कन्हैया पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. सुनवाई के दौरान अदालत ने अर्जियों पर जवाब दाखिल न करने पर उस वक्त पुलसि की खिंचाई भी की जब बब्बर ने बताया कि उन्होंने मामले में स्थिति रिपोर्ट दाखिल की है.
बब्बर ने कहा, ''स्थिति रिपोर्ट के रुप में यह एक जवाब है.' इस पर न्यायाधीश ने कहा, ''मुझे जवाब चाहिए, स्थिति रिपोर्ट नहीं. पिछली बार साफ कर दिया गया था कि आपको जवाब देना है, स्थिति रिपोर्ट नहीं.' अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि नौ अगस्त तय की.
http://m.dailyhunt.in/news/india/hindi/prabhat-khabar-epaper-prabhatkhabar/rajadroh-ke-mamale-ki-janch-me-badha-paida-nahi-kar-rahe-kanhaiya--dilli-hai-kort-newsid-55703591
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मुंबई में लाखों लोगों के प्रदर्शन में AISF नेता और JNU छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया
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मोदी और संघ का दलितों पे अत्याचार नहीं सहेंगे
बाबा साहब का अपमान नहीं सहेंगे
जय भीम ! लाल सलाम !!
https://www.facebook.com/permalink.php?story_fbid=1171622322902613&id=100001645680180
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दिल्ली हाई कोर्ट से जे एन यू एस यू के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की अन्तरिम जमानत रद्द करने हेतु दी गई पिटीशन्स पर दिल्ली हाई कोर्ट को दिल्ली पुलिस के SPP ने बताया कि उनकी ओर से ऐसी कोई मांग नहीं है। वस्तुतः कन्हैया को फर्जी तौर पर केंद्र सरकार ने फंसाया था तो पुलिस सबूत कहाँ से लाये? अतः अपने संगठनों की ओर से पिटीशन इसलिए दिलवाई है क्योंकि जनता में निरंतर कन्हैया की लोकप्रियता में वृद्धि हो रही है। जब दिल्ली हाई कोर्ट में जमानत रद्द करने की पिटीशन पर चर्चा हो रही थी वह मुंबई में लाखों लोगों को संबोधित कर रहे थे जिनके चित्र रोशन सुचान जी के सौजन्य से उपलब्ध हैं। कन्हैया को यह जन-समर्थन ही षड्यंत्रकारियों को साल रहा है।
(विजय राजबली माथुर )
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राजद्रोह के मामले की जांच में बाधा पैदा नहीं कर रहे कन्हैया : दिल्ली हाई कोर्ट :
नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज कहा कि ऐसा नहीं लगता कि जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) अध्यक्ष कन्हैया कुमार राजद्रोह के मामले की छानबीन में बाधा पैदा कर रहे हैं. अदालत ने पुलसि से जानना चाहा कि क्या ऐसे हालात हैं कि कन्हैया को मिली अंतरिम जमानत रद्द करने की जरुरत है.
इस मामले में दिल्ली पुलसि की पैरवी के लिए विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) नियुक्त किए गए वकील शैलेंद्र बब्बर से न्यायमूर्ति पी एस तेजी ने पूछा, ''जब आपकी जांच सही से चल रही है, तो ऐसा क्या है कि (कन्हैया की) जमानत रद्द कराने की जरुरत है ? वह चल रही जांच में कोई बाधा पैदा नहीं कर रहे.' अदालत के सवाल का जवाब देते हुए बब्बर ने कहा कि जमानत रद्द करने के लिए पुलसि की ओर से कोई अर्जी दाखिल नहीं की गई है.
सुनवाई के दौरान बब्बर ने कहा, ''हम इसकी (जमानत रद्द करने की) मांग नहीं कर रहे.' कुछ निजी व्यक्तियों ने कन्हैया को दी गई छह महीने की अंतरिम जमानत रद्द करने की मांग की है. अर्जी दाखिल करने वालों ने इस आधार पर जमानत रद्द करने की मांग की है कि मार्च में तिहाड जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने जो भाषण दिया वह ''राष्ट्र विरोधी' था और उन्होंने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है.
उच्च न्यायालय ने दो मार्च को कन्हैया को अंतरिम जमानत दी थी. बीते नौ फरवरी को जेएनयू परसिर में हुए एक विवादित कार्यक्रम में कथित तौर पर देश विरोधी नारेबाजी के मामले में कन्हैया पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. सुनवाई के दौरान अदालत ने अर्जियों पर जवाब दाखिल न करने पर उस वक्त पुलसि की खिंचाई भी की जब बब्बर ने बताया कि उन्होंने मामले में स्थिति रिपोर्ट दाखिल की है.
बब्बर ने कहा, ''स्थिति रिपोर्ट के रुप में यह एक जवाब है.' इस पर न्यायाधीश ने कहा, ''मुझे जवाब चाहिए, स्थिति रिपोर्ट नहीं. पिछली बार साफ कर दिया गया था कि आपको जवाब देना है, स्थिति रिपोर्ट नहीं.' अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि नौ अगस्त तय की.
http://m.dailyhunt.in/news/india/hindi/prabhat-khabar-epaper-prabhatkhabar/rajadroh-ke-mamale-ki-janch-me-badha-paida-nahi-kar-rahe-kanhaiya--dilli-hai-kort-newsid-55703591
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Roshan Suchan
19 जुलाई 2016
अंबेडकर भवन को गिराए जाने के विरोध में मुंबई में आज लाखों दलित लोग सड़कों पे उतर आए और जोरदार प्रदर्शन किया जिससे सड़कें जाम हो गईं.कन्हैया कुमार ने प्रदर्शन में शामिल हो रहे लोगों को संबोधित किया. भारी बारिश के बीच रैली को सीताराम येचुरी और बाबा साहेब के पोते प्रकाश आंबेडकर ने भी सम्बोधित किया | इस दौरान कन्हैया के ‘आजादी’ वाले नारे गूंजते रहे ......मोदी और संघ का दलितों पे अत्याचार नहीं सहेंगे
बाबा साहब का अपमान नहीं सहेंगे
जय भीम ! लाल सलाम !!
https://www.facebook.com/permalink.php?story_fbid=1171622322902613&id=100001645680180
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दिल्ली हाई कोर्ट से जे एन यू एस यू के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की अन्तरिम जमानत रद्द करने हेतु दी गई पिटीशन्स पर दिल्ली हाई कोर्ट को दिल्ली पुलिस के SPP ने बताया कि उनकी ओर से ऐसी कोई मांग नहीं है। वस्तुतः कन्हैया को फर्जी तौर पर केंद्र सरकार ने फंसाया था तो पुलिस सबूत कहाँ से लाये? अतः अपने संगठनों की ओर से पिटीशन इसलिए दिलवाई है क्योंकि जनता में निरंतर कन्हैया की लोकप्रियता में वृद्धि हो रही है। जब दिल्ली हाई कोर्ट में जमानत रद्द करने की पिटीशन पर चर्चा हो रही थी वह मुंबई में लाखों लोगों को संबोधित कर रहे थे जिनके चित्र रोशन सुचान जी के सौजन्य से उपलब्ध हैं। कन्हैया को यह जन-समर्थन ही षड्यंत्रकारियों को साल रहा है।
(विजय राजबली माथुर )
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