Wednesday 6 July 2016

हम छात्र एकजुटता का आह्वान करते हैं ------ राजेन्द्र प्रसाद सिंह

Rajendra Prasad Singh
प्रगतिशील विचार रोकने से नही रुकते, ये समय की आवश्यकता है, जिन हालात से देश गुज़र रहा है, ऐसे में ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फ़ेडरेशन (A.I.S.F) के विचार छात्रों को अपनी तरफ आकर्षित करता रहेगा.
छात्रों में आपसी प्रेम और एक दूसरे के लिए सहयोग का जज़्बा पैदा करने के लिए ये संगठन लगातार कोशिश करता रहा है, देश की आज़ादी से पहले इसकी स्थापना इसी मकसद के लिए हुई थी, की देश का छात्र वैज्ञानिक विचारों से लैस हो कर देश के निर्माण में अहम भूमिका अदा करेगा. 
देश की आज़ादी से लकर आज तक ये संगठन ये काम बड़े ही ईमानदारी से निभाता आ रहा है. ऐसे में छात्रों की एकता एकजुटता को तोड़ने वालों को ये बर्दाश्त नही हो रहा है. 
हम छात्र एकजुटता का आह्वान करते हैं.
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आने वाला समय देश हो या विदश हो, वामपंथी विचारों का होगा, क्योंकि पूंजीवाद से सारी दुनिया बुरी तरह टूट चुकी है, दुनिया में आज ख़तरे के बादल इस लिए मंडरा रहे हैं, क्योंकि पूंजीवाद बहुत बेरहम हो चुका है. 
ऐसे में भारत के सभी वामपंथी लोगों को एकजुट होकर देश में अपनी ताक़त और अपने विचारों को बढ़ाने में लग जाना चाहिए.....
 राजनीती के फसल के लुटेरे संसद की शोभा नही बढ़ा सकते इसलिए देश को जरुरत है वामपंथियों की.....
हम "नस्लीय व जातीय भेदभाव" रखने वाली पार्टी की घृणित सामाजिक-व्यवस्था" का डटकर विरोध करते है और उनके रूढ़िवादी दकियानूसी, और अंध-विश्वास पर आधारित हर तरह की सड़ी-गली सामंती-पूंजीवादी रीति-रिवाज, ढोंग, और संस्कृति को खारिज करते है. 
यह हमारी बदकिस्मती है कि हमने इस देश को धर्मो, रंगों और नस्लों में बाँट दिया है और उसी को आधार बना के सत्ता पे कब्जा करने की कोशिश होती रहती है. मैं केवल हिदुओं के हक में काम करूँगा या मैं केवल दलितों के हक में काम करूँगा या मैं केवल मुसलमानों के हक में काम करूँगा या मैं हिदुत्वावादी हूँ ,मैं सेल्कुलर हूँ जैसी बातें केवल छलावा मात्र हैं. 
हम एक बहुजातीय, बहुभाषीय, बहुधर्मीय देश भारत के नागरिक हैं और यह हमरा धर्म है की अपनी एकता और अखंडता को शांति और प्रेम सन्देश से बचाएं. साम्यवाद इंसान को विवेकवान बनता है, जनता की कीमत पर हम विचारधारा से समझौता नहीं करते क्योकि जनता ही जनतंत्र रचती है। 

जनकल्याण के लिए वामपंथियों की दरकार है....
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Monty Singh
वीर कन्हैया अपने माँ बाबू और बड़े एवम् छोटे भाई के साथ!
कन्हैया अपने घर बीहट मसनदपुर आ के सभी बड़े छोटे से मिला! सभी बड़ो से आशीर्वाद लिया ...
जो नहीं मिले उसका भी हाल चाल जाना और उनसे फ़ोन पर भी बात किया!
धन्य हैं कन्हैया के पिता "जयशंकर सिंह", माता "मीणा देवी"
बड़ा भाई " मणिकान्त",छोटा भाई"प्रिंस", बहन " जूही" और बीहट के "मसनदपुर" एवं बिहार के"बेगूसराय" की धरती जिसने ऐसे वीर सपूत देश को दिया! और धन्य है ये देश "भारत" जिसने एक सच्चा देशभक्त पैदा किया!
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(उत्तर प्रदेश और बिहार के ब्राह्मण वादी कामरेड्स भीतर ही भीतर कन्हैया कुमार के प्रयासों को पलीता लगाने का कार्य कर रहे हैं जिससे फासिस्ट शक्तियों को बल मिल रहा है। इस ओर से सतर्क रहने की बेहद ज़रूरत है क्योंकि भीतरघात काफी भयानक होती है )
--- विजय राजबली माथुर 

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