Monday 20 April 2020

कॉमरेड लेनिन की 150 वीं जयंती पर कॉमरेड डी राजा का संदेश ------ अरविन्द राजस्वरूप



कॉमरेड लेनिन की 150 वीं जयंती पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महामंत्री कॉमरेड डी राजा का कार्यकर्ताओं/ काडर के नाम संदेश।
कामरेड वी आई लेनिन को लाल सलाम और समस्त कामरेडों को क्रांतिकारी अभिवादन।
प्रिय कामरेड,

22 अप्रैल को कामरेड वीआई लेनिन की 150 वी जयंती हम लोग मना रहे होंगे। कार्ल मार्क्स की मृत्यु के पश्चात वो सबसे प्रमुख सिद्धांत कार और विचारक थे तथा एक अत्यंत कुशल रणनीतिज्ञ एवं कार्यनीति में माहिर व्यक्ति थे। उन्होंने 1917 की समाजवादी क्रांति का नेतृत्व किया जिसको आमतौर से लोग महान अक्टूबर समाजवादी क्रांति के नाम की जानते हैं। उस क्रांति नें विश्व में पहली बार मजदूर वर्ग की
राज व्यवस्था और देश की स्थापना की , जिसका नाम यूएसएसआर पड़ा । बावजूद इसके कि वह पहली कम्युनिस्ट सरकार समाप्त हो चुकी है और सोवियत यूनियन बिखर गया है पर महान कामरेड लेनिन आज भी ना सिर्फ रूस के लिए बल्कि पूरे विश्व के लोगों के लिए उत्साह का स्रोत है।

कार्ल मार्क्स के बाद उनोहने मार्क्स के सिद्धांत- दर्शन ( द्वंदात्मक एवं ऐतिहासिक भौतिकवाद), राजनीतिक अर्थशास्त्र एवं वैज्ञानिक समाजवाद- को विकसित किया। लेनिन ने पूंजीवाद के विकास की नई मंजिल का विश्लेषण किया। लेनिन की रचना 'साम्राज्यवाद पूंजीवाद का अंतिम चरण' में उन्होंने पूंजीवाद की परजीवी एवं मरणासन्न प्रवृत्ति का उल्लेख किया और यह भी बताया कि किस तरीके से पूंजीवाद से समाजवाद में संक्रमण होगा। महा मंदी के शुरू में और उसके दौरान उन्होंने साम्राज्यवाद का विश्लेषण करते हुए उस रास्ते का उल्लेख किया जो एक वैकल्पिक मजदूर वर्ग के राज की स्थापना और समाजवाद की तामीर करने के लिए खुलता था तथा समस्त शोषण और गैर बराबरी से मुक्ति का रास्ता दिखाता था।

लेनिन मजदूर वर्ग की एक नई प्रकार की पार्टी की स्थापना करने वाले व्यक्ति भी थे और वह नई पार्टी बोल्शेविक पार्टी थी , जो बाद में परिवर्तित होकर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ सोवियत यूनियन कहलाई ।(सीपीएसयू) लेनिन की ' हम क्या करें ' नामक पुस्तक इस प्रकार की पार्टी बनाने के लिए मार्गदर्शक बनी।

लेनिन अंतरराष्ट्रीय कम्युनिस्ट आंदोलन के उत्कृष्टतम नेता थे। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय भाईचारा मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया। उन्होंने तीसरे कम्युनिस्ट इंटरनेशनल को स्थापित करने में भी अपना बहुमूल्य योगदान प्रदान किया।

कोविड-19 की महामारी ने भारत समेत समूचे विश्व में लाकडाउन की स्थिति पैदा कर दी है। इस कारण लेनिन की जयंती की प्रससन्ता के उल्लास को आम जनता के बीच मनाने में एक सीमा रेखा खिंच गई है। लेकिन कम्युनिस्ट होने के नाते दरवेश परिस्थितियों में हमको निर्धनों और गरीबों, प्रवासी मजदूरों , समाज में भेदभाव से ग्रसित जनता के हिस्सों की समस्याओं से मुखातिब होना है। कम्युनिस्टों को अपनी प्रतिबद्धता और अपना मजबूत इरादा उत्पीड़ित जनता से अपने को आत्मसात करते हुए अभिव्यक्त करना है।

मजदूर वर्ग के मनीषी पुत्र के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करते हुए हमको समाजवाद के सिद्धांत को देश की स्थानीय एवं ठोस सामयिक परिस्थितियों में लागू करना पड़ेगा। लॉक डाउन एक ऐसी बाधा नहीं बननी चाहिए कि हम उत्पीड़ित जनता तक पहुंच ही न पाएं और राज्य सरकारों तथा केंद्रीय सरकार को समुचित कार्य करने के लिए बाध्य न कर पाए।

सरकारों को यह समझ लेना चाहिए कि उनका साबका अपने नागरिकों से है ,उनसे है जो राष्ट्र की संपत्ति के निर्माता है ।सरकारें इसलिए सत्ता में नहीं है कि वह नागरिकों को अपनी ऐसी रियाया समझें जो उनकी कृपा पर निर्भर हों।

मैं पार्टी के हर स्तर के काडर से यह अपील करता हूं कि वह जरूरत मंद जनता की मदद करने की चुनौती को स्वीकार करें।

आइए हम कामरेड लेनिन को अपनी श्रधांजलि सम्मान पूर्वक अर्पित करें।

मैं पार्टी नेतृत्व की जानिब से आप सब लोगों को और जनता को अपना क्रांतिकारी अभिवादन भी प्रेषित करता हूँ।

आपका साथी।

डी राजा


महामंत्री
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