Friday 3 July 2015

कम्‍युनिस्‍ट पार्टियोँ का एकीकरण.....मगर क्‍या यह सँभव हो सकेगा....?? ------ Ramendra Jenwar

बहुत बदलाव लाना होगा कम्‍युनिस्‍ट पार्टियोँ को..खुलापन भी लाना पडेगा..अभी तक ये पार्टियाँ रूस और चीन की क्राँतियोँ को गले से लगाए जी रही हैँ...परिस्‍थितियाँ बहुत बदल चुकी हैँ ।------
Zoya Ansari

03 july 2015 at 01 :00:00 hrs.
कम्‍युनिस्‍ट पार्टियोँ का एकीकरण आज उनके लिए नये रास्‍ते खोल सकता है मगर क्‍या यह सँभव हो सकेगा....??
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  • Manzoor Khan Block Pramukh Yeh sahi samay hai,
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  • Ramendra Jenwar हाँ मँजूर भाई जनता विकल्‍प की खोज मेँ है और अगर यह सब पार्टियाँ और गुट मिलकर एक हो जाएँ तो एक बडी ताकत बनकर उभर सकते हैँ
    Unlike · Reply · 3 · 15 hrs
  • Vir Vinod Chhabra विलय होने से संभावना कुछ तो बनेगी।
    Unlike · Reply · 1 · 15 hrs
  • Anand Prakash Tiwari सबसे ज्यादा जरूरी है "कामरेडीकरण"
    Unlike · Reply · 2 · 15 hrs
  • Ramendra Jenwar कुछ नहीँ बहुत बन सकती है वीर जी जब अलग अलग रहकर विगत लोकसभा मेँ 56 सँख्‍या तक पहुँच सकते हैँ तो एक होने पर क्‍या स्‍थिति होगी सोचा जा सकता है
    Unlike · Reply · 4 · 15 hrs
  • Ramendra Jenwar हाँ तिवारी जी कुछ बदलाव तो लाना ही होगा...
    Unlike · Reply · 2 · 15 hrs
  • Anand Prakash Tiwari कुछ नही होगा ।
    इनमे इच्छा शक्ति का अभाव है ।
    Unlike · Reply · 2 · 15 hrs
  • Ramendra Jenwar वह अभाव दूर करना होगा तिवारी जी...
    Unlike · Reply · 2 · 15 hrs
  • Manzoor Khan Block Pramukh Hoga. Agar jag gaye kamredi to nayi taqat se desh ko ek vikalp de saktey hain,
    Like · Reply · 1 · 15 hrs
  • Anand Prakash Tiwari कुछ गिद्ध बैठ गये हैं जहां तहां ।
    वो पेड़ सूखने तक डेरा डाले रहेंगें ।
    Unlike · Reply · 2 · 15 hrs
  • Anand Prakash Tiwari इनकी सांगठनिक प्रक्रिया इतनी जटिल और नीरस है की आमूल चूल नेतृत्व परिवर्तन के बारे में सोंच ही नही सकते । और बिना इसके कुछ भी सम्भव नही है । 
    आज वहां नीचे से उपर तक चाटुकार नक्कारो की पूरी बरात है । सब अपनी ही लाश काँधे पर धोये जा रहे हैं ।
    Unlike · Reply · 2 · 15 hrs
  • Ramendra Jenwar अगर एक हो जाएँ तो तुरँत केँद्र की सत्‍ता मेँ ना भी आ पाएँ तो प्रमुख विपक्षी दल की स्‍थिति मेँ तो आ ही सकते हैँ और हिँदीपट्‍टी के राज्‍योँ मेँ भी मजबूती पा सकते हैँ...
    Unlike · Reply · 3 · 15 hrs
  • Anand Prakash Tiwari क्या फर्क पड़ता है ?
    1952 ,57 में थे तो मुख्य विपक्षि ।
    Unlike · Reply · 1 · 15 hrs
  • Ramendra Jenwar साँगठनिक प्रक्रिया मेँ कुछ बदलाव करना पडेगा...बिछडे साथियोँ की सम्‍मानजनक वापसी करवानी होगी...जन आँदोलनोँ के नायकोँ के लिए जगह बनानी होगी...
    Unlike · Reply · 1 · 15 hrs
  • Anand Prakash Tiwari इनकी राष्ट्रीय दृष्टि ही विकसित नही हो पा रही है ।अंतर्राष्ट्रीयता के नाम पर अति संकीर्ण हैं । घनघोर व्यक्तिवादी ।।
    Unlike · Reply · 1 · 15 hrs
  • Ramendra Jenwar अब मुख्‍य विपक्षी बनकर सत्‍ता मेँ पदार्पण का रास्‍ता बना सकते हैँ
    Unlike · Reply · 1 · 15 hrs
  • Anand Prakash Tiwari मूषक परिक्रमा निर्णायक है यहाँ केन्द्रीय सत्ता तक पहुचने के लिए । कर्मठ साथी इससे दूर रहता है । इन अक्ल के अन्धो को वह दिखाई ही नही देगा ।
    Unlike · Reply · 1 · 15 hrs
  • Anand Prakash Tiwari अभी तक जगे हो ?
    क्या हालचाल है कांग्रेसी दरबार का ।
    लोक राज परिवार तो लौट आया टूर से ।
    Like · Reply · 15 hrs
  • Ramendra Jenwar जब तुम ही हालचाल बता रहे हो तो मैँ क्‍या बताऊँ...आजकल तुम्‍हारी निगाह ज्‍यादा रहती है राजपरिवार पर...
    Unlike · Reply · 2 · 15 hrs
  • Zoya Ansari बहुत बदलाव लाना होगा कम्‍युनिस्‍ट पार्टियोँ को..खुलापन भी लाना पडेगा..अभी तक ये पार्टियाँ रूस और चीन की क्राँतियोँ को गले से लगाए जी रही हैँ...परिस्‍थितियाँ बहुत बदल चुकी हैँ ।
    Unlike · Reply · 3 · 14 hrs · Edited
  • Anand Prakash Tiwari अभीतक ये उन बदली परिस्थितियों को देखने को तैयार नहीं हैं ।
    Unlike · Reply · 2 · 14 hrs
  • Sanjeev Pathak एकीकरण हो भी जाये पर डिजिटल युग (कांग्रेस वाला, एक साल वालों का नहीं) में कार्यशैली का क्या होगा??
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  • Ramendra Jenwar डिजिटल युग तो पूरी दुनिया मेँ है वह कार्यशैली तो अभी भी अपनाकर चल रहे होँगे
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  • Sanjeev Pathak कोई लक्षण तो नहीं दिख रहे मंडी में भाईसा
    Like · Reply · 14 hrs
  • Ramendra Jenwar वही दिखाने की तो बात है पहले एक तो होँ पाठक जी
    Unlike · Reply · 1 · 14 hrs
  • Anand Prakash Tiwari  जिस पार्टी के कार्यकर्ता कभी सबसे ज्यादा आधुनिक होते थे वही आज अधिकांस sms पढ़ना तक नही जानते ।बाकी आधुनिक तकनीक की कौन कहें । कमेटियो में भेड़ बकरियों को समझा दिया जाता है की फलान कामरेड सोशल मिडिया में पार्टी विरोधी काम कर रहा है । पूरी दुनिया में पार्टी की छबी खराब हो रही है । इसलिए उसे पार्टी से निकालना जरूरी है । और वह साथी जो थोड़ा बहुत सीख रहा होता है सोशल मिद्दिया के बारे में वह भी बाहर हो जाता ई पार्टी के ।
    नेतृत्व प्रसन्न भाव से विजयी मुद्रा में आँख बंद कर बालू में मुह गदा लेता है ।
    " मुदउ आँख कतउ कुछ नाहीं"
    Unlike · Reply · 3 · 14 hrs
  • Bipnesh Kumar Shukla कम्‍युनिस्‍ट पार्टियोँ का एक होना आज वक्‍त की जरूरत है ये बात पार्टियोँ के शीर्ष नेतृत्‍ल को भी सिर्फ जबानी ना बोलकर अमल मेँ लानी चाहिए
    Unlike · Reply · 2 · 13 hrs
  • Choksh Vibhu निष्चित ही इनकी शक्ति बढेगी पर हिन्दी पट्टी मेंकुछ होने वाला नहीं
    Like · Reply · 1 · 13 hrs
  • Anand Prakash Tiwari इनकी दृष्टि में व्यापकता नहीं है ।
    " मूस मोटाई ,लोढ़ा होई " ??
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    https://www.facebook.com/rjenwar/posts/827686940645759

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