Tuesday 15 March 2016

कन्हैया की अलोकतांत्रिक गिरफ्तारी संविधान व जनतंत्र पर हमला है

Published on Mar 9, 2016
Abhinandan Sekhri talks to Kanhaiya Kumar about sedition, being attacked inside Patiala House, whether he’ll join politics,​ and more.




***  इस साक्षात्कार में अभिनंदंन सीखरी साहब ने उन रहस्यों को भी उद्घाटित करा लिया है जिनकी ओर अन्य साक्षात्कार कर्ताओं का ध्यान नहीं गया था अथवा उन्होने उनको महत्वपूर्ण नहीं माना था। 

इससे ज्ञात होता है कि, 11 फरवरी की अर्द्ध रात्रि को लगभग 12 बजे के बाद जब जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार कुछ साथियों के साथ चाय पीने के लिए हास्टल के अपने कमरे से बाहर आए तब सादी  वर्दी में तैनात पुलिस कर्मियों ने जिनको कन्हैया पहचानते थे उनको जांच में सहयोग के नाम पर अपने साथ ले लिया और सिविल कार से संभवतः LIU आफिस जिसे कन्हैया नहीं जानते थे ले गए तथा वरदीधारी पुलिस के हवाले कर दिया। LIU कर्मियों ने कन्हैया का फोन पहले ही अपने कब्जे में कर लिया था। वारंट मांगने पर बाद में देने को कहा जो फिर दिया नहीं। इसके बाद का घटनाक्रम अब जग-ज़ाहिर है कि, तीन चेनल्स के मिलावटी वीडियोज़ प्रसारण को आधार बना कर उन पर 'देशद्रोही' का ठप्पा चस्पा कराया गया और वकीलों के नाम पर राजनीतिक कार्यकर्ताओं द्वारा उन पर कोर्ट में ही  जानलेवा हमला कराया गया जिसमें दिल्ली पुलिस मूक दर्शक बनी रही। अब उनकी जीभ काटने,गर्दन काटने व गोली से उड़ा देने की धमकियाँ दी जा रही हैं। गोयबल्स चेनल उनके विरुद्ध घृणित अभियान ज़ोर-शोर से चला रहा है जिसके परिणाम स्वरूप उन पर JNU परिसर में भी जानलेवा हमला हुआ। मुजफ्फरपुर में उनके समर्थन में हो रही सभा पर ही पत्थर-लाठियों से हमला किया गया। कानून व संविधान का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। 

कन्हैया समस्त लोकतन्त्र रक्षकों की एकता चाहते हैं जो वक्त की बेहद ज़रूरत है। इसी हेतु उनका आज संसद पर मार्च हो रहा है जिसे 'देशभक्त' और 'लोकतान्त्रिक' शक्तियों का समर्थन मजबूती से मिलना चाहिए। ***

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