भारतीय कम्युनिस्ट
पार्टी के प्रतिनिधि द्वारा दिनांक 14.04.2014 को प्रसारित किए
जाने वाले भाषण का आलेख
मतदाता भाइयों एवं बहनों,
इस लोकसभा चुनाव के समय देश एक चौराहे पर खड़ा है। चुनावों के नतीजे यह तय
करेंगे कि देश का धर्मनिरपेक्ष जनतंत्र आगे जाएगा या पीछे खिसकेगा।
केन्द्र की सत्ता किसके हाथ में होगी उसको निर्धारित करने में उत्तर प्रदेश के
मतदाताओं का बड़ा योगदान होगा। इसलिए भाइयों एवं बहनों, मजदूरों एवं किसानों, नौजवानों एवं विद्यार्थियों, मध्यवर्गीय परिवारवासियों, धार्मिक अल्पसंख्यक एवं दलित, पिछड़े एवं अतिपिछड़े तथा सामान्य वर्ग के नागरिकों, आपसे अपील है कि आप सब लोग अपनी कमर कस लें। हम सब लोगों का भविष्य दांव पर
है।
पिछले दो दशकों से केन्द्र में सत्तासीन होने वाली, एक के बाद दूसरी आने वाली सरकारों ने जिन नीतियों का पालन किया है वे
धन्नासेठों के पक्ष में और जनता के हितों के सरासर विपरीत रही है। उत्तर प्रदेश में
भी कुछ ऐसा ही हुआ है।
विशेष रूप से कांग्रेस के नेतृत्व में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (द्वितीय) की
वर्ष 2009 में बनी सरकार तथा इसके पूर्व श्री अटल बिहारी बाजपेयी के
नेतृत्व में बनी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबन्धन की सरकार द्वार नव उदारवादी आर्थिक
नीतियां अपनायी गयी थी। बीजेपी का “शाइनिंग इंडिया” का नारा फेल हो गया। जनता अभी उसे भूली नहीं है। इन दलों ने कम्युनिस्टों के
विरूद्ध आर्थिक सवालों पर सांठ-गांठ भी की है।
कांग्रेस की संयुक्त प्रगतिशील गठबन्धन (द्वितीय) की सरकार ने पिछले पांच
वर्षों में सारी सीमायें लांघ दी है। नव उदारवादी आर्थिक नीतियों पर निरन्तर चलने
के कारण देश एक ऐसे संकट में पड़ गया है जो हर गुजरते दिन के साथ बढ़ता जाता है। देश
की जनता भूख, सभी आवश्यक जिन्सों की आसमान छूती कीमतों, लगातार बढ़ती महंगाई और बढ़ती आर्थिक असमानता से बुरी तरह आहत है।
कांग्रेस सरकार द्वारा बनाई गई आर्थिक नीतियों के कारण राष्ट्रीय एवं
प्राकृतिक संसाधनों को निर्लज्जता से लूटा गया है। शासकीय राजनीतिक नेताओं, शीर्षस्थ नौकरशाही तथा धन्नासेठों के इजारेदार घरानों के बीच इस लूट का बंदर
बाट हुआ है, जिसके फलस्वरूप स्वतंत्र भारत में लाखों करोड़ों रुपये के अभूतपूर्व बड़े घपले
घोटाले हुये हैं। अब यही लुटेरे वर्ग और धन्नासेठ इजारेदार घराने और इनके अधिकतर
दृष्य और प्रिंट मीडिया एक ऐसी सरकार लाने की कोशिश कर रहे हैं जो इनकी और अधिक
खिदमत और ताबेदारी कर सकें और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और इसके धर्मनिरपेक्ष
ताने-बाने को ध्वस्त करने की राह आसान कर दें।
मतदाता भाइयों एवं बहनों!
उत्तर प्रदेश की सपा सरकार भी पिछले दो वर्षों से सिर्फ सरकारी खैरातें बांट
रही है। उत्तर प्रदेश में रोजगार के अवसर सृजित नहीं किये गये हैं। किसानों और
मजदूरों के हितों को बाजार के हवाले छोड़ दिया गया है। अल्पसंख्यकों की रक्षा करने
में भी यह पार्टी अक्षम रही है और हिन्दू साम्प्रदायिक शक्तियों को खुलकर खेलने का
मौका सुलभ करवाया है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का संसद के अन्दर और बाहर जनता के लिए संघर्ष करने
का एक शानदार रिकार्ड रहा है। आज की परिस्थितियों का तकाजा है कि देश की
सम्प्रभुता, जनता की रोजी-रोटी, आवास, शिक्षा एवं जन स्वास्थ्य के
अधिकार की रक्षा के लिये और धर्म निरपेक्ष लोकतांत्रिक व्यवस्था को संसद के अन्दर
एवं बाहर दोनों जगह मजबूत करने के लिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और अधिक मजबूत
बने।
हमारी अपील है कि उत्तर प्रदेश में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रत्याशियों
को “हसिया बाली”
वाले बटन को दबाकर विजयी बनायें।
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