Wednesday, 27 May 2015

सांप्रदायिकता /साम्राज्यवाद को परास्त करना है तो कम्यूनिज़्म का भारतीय वांगमय अपनाना होगा --- विजय राजबली माथुर


जो लोग दिवा स्वप्न देखने के अभ्यस्त रहे हैं उनकी आँखें अब तो इस वक्तव्य को पढ़ कर खुल जानी चाहिए। जब तक वर्तमान सरकार को संविधान संशोधन करने लायक तीन चौथाई बहुमत हांसिल नहीं है तभी तक वह संविधान का पालन करेगी अब उस पार्टी के अध्यक्ष ने ही यह स्पष्ट कर दिया है। राज्यों में दिल्ली के केजरीवाल फार्मूले को लागू करते हुये मन-पसंद दूसरे दलों की सरकार होने से केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी किसी भी इल्ज़ाम से साफ-साफ बची रहेगी जबकि उसके मंसूबे पूरे होते ही रहेंगे। केंद्र व राज्यों में तीन चौथाई बहुमत प्राप्त होते ही वर्तमान संविधान को रद्द कर दिया जाएगा और दक्षिणपंथी असैनिक तानाशाही स्थापित कर दी जाएगी।
लेकिन लोकतन्त्र की रक्षा हेतु भी विपक्ष के दल,विद्वान,चिंतक एकजुट होने को तैयार नहीं हैं केवल थोथे अहंकार से सांप्रदायिक/साम्राज्यवादी शक्तियों को परास्त नहीं किया जा सकता है यदि अब भी न सम्हले तब यह समझा जाना चाहिए कि आत्मघाती कदम उठाए जा रहे हैं।

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(वस्तुतः 'साम्यवाद' को  जो कि भारतीय वाङ्ग्मय की देंन  है को विदेशी दृष्टिकोण से लागू करवाने की असफल कोशिशें ही इसकी विफलता का हेतु हैं। समय-समय पर इस ओर ध्यानाकर्षण करने का प्रयास करता रहा हूँ परंतु मेरी हैसियत ही क्या है जो उस पर गौर किया जाये?)

मेरा विचार है कि अब समय आ गया है जब भारतीय कम्यूनिस्टों को भारतीय सन्दर्भों के साथ जनता के समक्ष आना चाहिए और बताना चाहिए कि धर्म वह नहीं है जिसमें जनता को उलझा कर उसका शोषण पुख्ता किया जाता है बल्कि वास्तविक धर्म वह है जो वैदिक मतानुसार जीवन-यापन के वही सिद्धांत बताता है जो कम्यूनिज्म का मूलाधार हैं.
 http://krantiswar.blogspot.in/2011/05/blog-post_14.html

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काश सभी बिखरी हुई कम्युनिस्ट शक्तियाँ  दीवार पर लिखे को पढ़ें और  यथार्थ को समझें और जनता को समझाएँ तो अभी भी शोषक-उत्पीड़क-सांप्रदायिक शक्तियों को परास्त किया जा सकता है। लेकिन जब धर्म को मानेंगे नहीं अर्थात 'सत्य,अहिंसा (मनसा-वाचा-कर्मणा),अस्तेय,अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य' का पालन नहीं करेंगे 'एथीस्ट वाद' की जय बोलते हुये ढोंग-पाखंड-आडंबर को प्रोत्साहित करते रहेंगे अपने उच्च सवर्णवाद के कारण तब तो कम्यूनिज़्म को पाकर भी रूस की तरह खो देंगे या चीन की तरह स्टेट-कम्यूनिज़्म में बदल डालेंगे।  
http://krantiswar.blogspot.in/2014/05/blog-post_22.html 
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Friday, 15 May 2015

भाकपा का प्रतिरोध मार्च : पटना --- आनंद झा


भूमी अर्धिग्रहण बिल के खिलाफ मे आर ब्लाक चौराहा पर गरजते पूर्व सासंद गुरूदास दास गुप्ता
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डॉ हेमचन्द झा 




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    केन्द्र सरकार के द्वारा किसान विरोधी काला भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के विरोध में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रतिरोध मार्च पटना मे सम्पन्न हुआ । प्रतिरोध मार्च गाॅधी मैदान से डाकबंगला चौराहा , स्टेशन गोलम्बर होते हुए आर ब्लाक पहुची जहाँ राज्य सचिव काॅ0 सत्यनारायण सिंह की अध्यक्षता मे सभा हुई । सभा को भाकपा के राष्ट्रीय उप महासचिव काॅ0 गुरुदास दासगुप्ता, बीकेएमयू के राष्ट्रीय महासचिव काॅ0 नगेन्द्र नाथ ओझा ने सम्बोधित किया ।भीषण गर्मी और देह जला देने वाली धूप के बावजूद लगभग पचास हजार लोगों ने प्रतिरोध मार्च में भाग लिया। इस मार्च में ग्रामीण महिलाओं की उल्लेखनीय भागीदारी रही।
    गुरूदास दास गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि आज समूचे देष में केन्द्र सरकार के भूमि अधिग्रहण विधेयक तथा अध्यादेष के खिलाफ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी विरोध दिवस का आयोजन कर रही है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी इस विधेयक का इसलिए विरोध कर रही है, क्योंकि नरेन्द्र मोदी की सरकार कानून बनाकर किसानों की जमीन बलपूर्वक छीनना चाहती है। जमीन पर न सिर्फ किसानों; बल्कि समाज के अन्य तबके के लोगों का जीवन यापन निर्भर है। इसलिए इस विधेयक के खिलाफ की लड़ाई सिर्फ किसानों की लड़ाई नहीं है; बल्कि समाज के अन्य लोगों की भी यह लड़ाई है। जमीन छीन जाने का मतलब है, करोड़ों लोगेां को जीवन यापन का जरिया छीन जाना है। जमीन का सवाल देष के करोड़ों लोगों की जिन्दगी का महत्वपूर्ण सवाल है। इसीलिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी बार-बार यह संकल्प दोहराती है कि हम लोग खून देंगे, जान देंगे, लेकिन जमीन नहीं देंगे। श्री दासगुप्ता ने देष के लोगों से इस विधेयक के खिलाफ बड़ी और दीर्घकालीन लड़ाई के तैयार रहने की अपील की। आज का यह प्रतिरोध मार्च उस बड़ी लड़ाई का आरंभ है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी आगे भी अपनी इस लड़ाई को जारी रखेगी। इस बड़ी लड़ाई को हम सभी वामदलों और लोकतांत्रिक दलों के साथ मिलकर लड़ेंगे।
    गाँधी मैदान से जुलुस निकल जाने के बाद भी शहर के विभिन्न सड़कों से लाल झंडे लिए हुए हजारों लोग बस से, जीप से मिनी बस से और पैदल लोग आते रहे। शहर में जिधर भी देखे लाल झंडों का जनसैलाब दिखलाई पड़ रहा था।
    इस दुःखद पहलू यह था कि उत्तर बिहार में आये भूकंप के कारण जैसी तैयारी थी उसके अनुकूल मार्च में भाग लेने वालों की संख्या नहीं हुई। यदि भूंकप का प्रकोप नहीं होता तो लगभग एक लाख लोग सभी जिलों से प्रतिरोध मार्च में भाग लेते। भूकंप के असर, भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप को झेलते हुए लगभग पंचास हजार लोग मार्च में शामिल हुए। इससे स्पष्ट है कि भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ व्यापक जन आक्रोष है।
    संध्या 5 बजे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी बिहार राज्य परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल बिहार के राज्यपाल से मिला और एक ज्ञापन पत्र उन्हें दिया। ज्ञापन पत्र में मांग की गई है कि केन्द्र सरकार जनहित का ख्याल करते हुए और जन भावना का सम्मान करते हुए भूमि अधिग्रहण संषोधन विधेयक को वापस ले, क्योंकि यह विधेयक जनविरोधी, अमानवीय; क्रूर और लोकतांत्रिक कल्याणकारी राज्य के मूल तत्वों के विरूद्ध हैं ।

Thursday, 14 May 2015

भाकपा के देशव्यापी आन्दोलन को उत्तर प्रदेश में जबर्दस्त सफलता ------ अरविंद राज स्वरूप

भूमि अधिग्रहण अध्यादेश तथा मौसम की मार से बरवाद किसानों को पर्याप्त मुआवजा न देने के खिलाफ भाकपा के देशव्यापी आन्दोलन को उत्तर प्रदेश में जबर्दस्त सफलता
लखनऊ 14 मई। भाकपा के राष्ट्रीय आह्वान पर केन्द्र सरकार द्वारा थोपे जा रहे भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को रद्द कराने और मौसम की मार से बरवाद हुए किसान और ग्रामीण मजदूरों को पर्याप्त राहत दिलाने की मांगों को लेकर आज उत्तर प्रदेश में भी भाकपा के लगभग 50 हजार कार्यकर्ता ने सड़कों पर उतर कर विभिन्न स्थानों पर रास्तों पर जाम लगाकर जनता के आक्रोश को आवाज दी। प्रेस बयान जारी किये जाने तक 60 से अधिक जिलों में भाकपा कार्यकर्ताओं के गिरफ्तार किये जाने के समाचार राज्य मुख्यालय को प्राप्त हो चुके हैं।
प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लगभग 200 भाकपा कार्यकर्ता पार्टी के राज्य मुख्यालय कैसरबाग से जुलूस की शक्ल में सड़कों पर उतरे, जुलूस विशेश्वर नाथ रोड होते हुए विधान सभा मार्ग पर पहुंचा और जीपीओ पर रास्ता रोकने का सफल प्रयास किया। अतिरिक्त नगर मजिस्ट्रेट के निर्देश पर पुलिस ने सभी भाकपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया। भाकपा कार्यकर्ताओं का नेतृत्व भाकपा के राज्य सह सचिव अरविन्द राज स्वरूप,सचिव मंडल सदस्य श्रीमती आशा मिश्रा और सदरूद्दीन राना के साथ ही जिला मंत्री मो. खालिक तथा सह मंत्री डा. अशोक सेठ ने किया।
सुल्तानपुर में भाकपा राज्य सचिव डा. गिरीश तथा जिला मंत्री शारदा पाण्डेय के नेतृत्व में सैकड़ों भाकपा कार्यकर्ताओं ने अलीगंज बाजार में जाम लगाया। लगभग 2 घंटे के बाद पुलिस ने कार्यवाही करते हुए 500 भाकपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है जो अभी हिरासत में हैं।
मऊ में राज्य सह सचिव एवं पूर्व विधायक इम्तियाज अहमद तथा राज्य कार्यकारिणी सदस्य विनोद राय के नेतृत्व में सैकड़ों भाकपा कार्यकर्ताओं ने नेशनल हाईवे पर जाम लगाया जबकि बुलन्दशहर में भाकपा के राज्य सचिव मंडल सदस्य अजय सिंह के नेतृत्व में भाकपा कार्यकर्ताओं ने बुगरासी में हाईवे पर जाम लगाया। फैजाबाद में भाकपा के राज्य सचिव मंडल सदस्य अतुल सिंह तथा जिला मंत्री अशोक तिवारी के नेतृत्व में सैकड़ों भाकपा कार्यकर्ताओं ने कचेहरी गेट पर तथा रोडवेज चौराहे पर रास्ता जाम किया।
इसी तरह भाकपा कार्यकर्ताओं ने बहराईच में गोण्डा मार्ग पर, गोण्डा में लखनऊ रोड पर, बलरामपुर में गोण्डा रोड पर तथा उतरौला में, मुरादाबाद में नेशनल हाईवे पर, कानपुर नगर के बिल्हौर में जी. टी. रोड पर, कानपुर देहात में माती रोड पर, औरैया में तहसील के सामने, जालौन में कचेहरी पर, आजमगढ़ के लालगंज में आजमगढ़-वाराणसी मार्ग पर, झांसी में कचेहरी चौराहे पर तथा मऊरानीपुर तहसील के सामने, ललितपुर में कचेहरी के सामने, भदोही में तहसील के सामने, मथुरा में आगरा रोड पर, प्रतापगढ़ में कचेहरी पर, सोनभद्र के चोपन में, खलीलाबाद में नेशनल हाईवे पर, गाजीपुर में लंका चौराहे पर, वाराणसी में कचेहरी पर, इलाहाबाद में कचेहरी पर, फतेहपुर में खागा चौराहे पर, सीतापुर में कचेहरी पर, बरेली में जिलाधिकारी आवास के सामने, बाराबंकी में कचेहरी के सामने, बिजनौर के अफजलगढ़ में, ज्योतिर्बाफूलेनगर के मंडी धनौरा में, देवरिया में जिला मुख्यालय पर, मुजफ्फरनगर के जानसठ में, पीलीभीत में कचेहरी पर, हाथरस के मेंडू में, महाराजगंज में कचेहरी पर, बदायू में कचेहरी के सामने, अलीगढ़ में मथुरा रोड पर, बलिया में मेन रोड पर जाम लगाया।


14 मई 2015 भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के विरुद्ध भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की लखनऊ रैली।
गिरफ्तारी एवं रिहाई।
कार्यकर्ताओ का जलूस कैसर बाग़ से बापू भवन चौराहे होते हुए विधान सभा से बापु प्रतिमा पंहुचा और वहा सामने की सड़क रास्ते पर बैठ गया।रास्ते में व्यवधान हो गया।प्रदर्शन कारियों ने कहा जेल ले चलो।पर ACM ने गिरफतारी का आदेश दिया और रिहाई का भी।
नेतृत्व में अरविन्द राज स्वरुप राज्य सह सचिव,सदरुद्दीन राणा एवं आशा मिश्रा सदस्य सचिव मंडल,मोहम्मद खालिक ज़िला मंत्री एवं अन्य।
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