Monday 5 October 2015

उत्पीड़न,मंहगाई व सूखा तथा दादरी कांड के खिलाफ लखनऊ में आंदोलन






 भाकपा,लखनऊ के जिलामंत्री द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार आज दिनांक 05 अक्तूबर 2015 को राष्ट्रीय आव्हान पर जिलामंत्री कामरेड मोहम्मद ख़ालिक़ के नेतृत्व में मोदी सरकार की आम जनता पर कमर तोड़ आर्थिक बोझ लादने वाली कारपोरेट समर्थक जनविरोधी नीतियों के प्रतिरोध स्वरूप 'मंहगाई दिवस' के रूप मनाया गया व राष्ट्रपति को संबोधित एक सात सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी, लखनऊ के माध्यम से सौंपा गया। 
ज्ञापन द्वारा बेतहाशा बढ़ती मंहगाई,पार्टी कार्यकर्ताओं का अजय सिंह, का सागर सिंह, का नरेश चन्द्र,का राम निवास जोशी  पर अमरोहा व बिजनौर में किए गए पुलिस ज़ुल्म और तमाम गंभीर धाराओं में निरुद्ध किए जाने को गलत ठहराया गया है व उनके बिना शर्त रिहा किए जाने की मांग की गई है। प्रदेश में समान शिक्षा दिये जाने व अनुसूचित जाति एवं भूमि हड़पने जैसा कानून निरस्त करने तथा गौतम बुद्ध नगर -दादरी (बिसाहड़ा ) में सांप्रदायिक ताकतों द्वारा मिथ्या आरोप पर असामाजिक तत्वों द्वारा  बेगुनाह की हत्या करने वालों पर रासुका लगा कर गिरफ्तार किए जाने की मांग की गई है। ई-रिक्शा चालकों के हो रहे उत्पीड़न को भी बंद किए जाने की मांग उठाई गई है। 
ज्ञापन देने जाने वालों में प्रमुख रूप से सर्व कामरेड मोहम्मद ख़ालिक़, मधुराम मधुकर, परमानंद दिवेदी, मोहम्मद अकरम, राम देव तिवारी, हरिहर प्रसाद गुप्ता, शरीफ, विजय माथुर,  डॉ संजीव सक्सेना, रूप नारायण आदि शामिल थे। 

गांधी प्रतिमा, जी पी ओ पार्क पर वाम  मोर्चे द्वारा दादरी कांड पर संयुक्त धरना :

छह वामपंथी दलों ने संयुक्त रूप से दादरी कांड पर दोपहर दो बजे से धरना दिया। लगभग सभी वक्ताओं ने पीड़ित परिवार को सुरक्षा व दोषियों को कडा दंड देने की मांग की। महिला नेता  कामरेड ताहिरा हसन ने सांप्रदायिक शक्तियों के विरुद्ध जनता की लामबंदी की बात रखी जबकि भाकपा, लखनऊ के जिलामंत्री कामरेड मोहम्मद ख़ालिक़  ने आने वाले समय की कठोर चुनौतियों से वाकिफ कराया। उनका सुदृढ़ अभिमत था कि अब समय आ गया है कि हमको इन सांप्रदायिक शक्तियों से मुक़ाबला करने के लिए खुद को संगठित करना होगा और उनको मुंहतोड़ जवाब देना होगा। 
इस संयुक्त धरने में भाकपा की ओर से जिलामंत्री कामरेड मोहम्मद ख़ालिक़ के अतिरिक्त परमानंद दिवेदी, विजय माथुर और डॉ संजीव सक्सेना शामिल हुए । 

No comments:

Post a Comment