Monday, 10 July 2017

हमारी आपसी एकता पर नफरत की राजनीति का हमला ------ प्रो . उमा राग



Uma Raag
*_नफरत और हिंसा से नाता तोड़ो – इंसानियत और एकता से रिश्ता जोड़ो !!_*
*_देश के संविधान के साथ जन-संकल्प अभियान !!_*
(दिल्ली के विभिन्न इलाकों में 15 जुलाई से 15 अगस्त तक)
*_आंदोलनकारी मज़दूरों-किसानों और छात्रों-नौजवानों का साथ दो!_*
*_फूट डालो और राज करो की राजनीति को ख़त्म करो !_*
आज देश में हालत ये है कि एक तरफ सरकार अडानी-अम्बानी को टैक्स और क़र्ज़ माफ़ कर रही है, दूसरी तरफ हर दिन किसान क़र्ज़ में लदकर आत्महत्या कर रहे हैं, क़र्ज़ माफ़ी मांग रहे किसानों पर सरकार गोलियां चला रही है; मजदूरों के हक-अधिकार उनसे छीने जा रहे हैं, न्यूनतम मजदूरी पूरे देश में कही भी ढंग से लागू नहीं है. चारों तरफ महंगे स्कूलों की मार है, देश के अच्छे व सस्ते विश्वविद्यालयों पर हमला जारी है, छात्रों का वजीफा बंद किया जा रहा है व उच्च शिक्षा से बेदखली जारी है. GST ने महंगाई की मार को और तेज़ कर दिया है. एक तरफ पूरे देश में बेरोजगारी तेज़ी से बढ़ी है, दूसरी तरफ पक्की नौकरियां ख़त्म की जा रही है.
लेकिन सत्ता में बैठी सरकार को शिक्षा-रोज़गार के सवालों पर, किसानों और मज़दूरों के अधिकारों के लिए, महंगाई और GST के खिलाफ उभरते जन आंदोलनों से डर लगता है. इन आंदोलनों को तोड़ने की मंशा से शासक शक्तियां उसी 'फूट डालो और राज करो' के हथकंडे का इस्तेमाल कर रही हैं जिन्हें आज़ादी के आंदोलन के खिलाफ अंग्रेज़ शासकों ने किया था. हम किस धर्म को मानते हैं; क्या पर्व मनाते हैं; कैसे कपड़े पहनते हैं; क्या खाते हैं; किनसे शादी करते हैं - इन सब बातों में नफ़रत घोला जा रहा है. नफरत का ये कारोबार सत्ता में बैठे नेता और सरकार सिर्फ अपनी नाकामी और वादाखिलाफी को छुपाने के लिए कर रहे हैं.
हमारे देश और समाज में नफरत और हिंसा का माहौल बढ़ रहा है। कई तरह की अफवाहों को फैलाकर उन्मादी भीड़ की हिंसा को अंजाम दिया जा रहा है। इस तरह की उन्मादी भीड़ की हिंसा का शिकार हमारे देश के कमज़ोर तबकों के आम नागरिक हो रहे हैं और समाज के भीतर धार्मिक व जातीय नफ़रत की खाई बढ़ रही है।
गौरतलब है कि इन हिंसाओं में जिनकी जाने जा रही हैं वो भी आम नागरिक है और इन हिंसाओं को अंजाम देने के लिए जिन लोगों को भड़काया जा रहा है, जिनके अन्दर नफरत भरी जा रही है वे भी आम नागरिक हैं।
हाल में दिल्ली के नज़दीक, बल्लभगढ़ में 15 वर्षीय जुनैद की ट्रेन में नफ़रत से प्रेरित उन्मादी भीड़ द्वारा हत्या की गई. देश में कई जगहों पर गाय के बहाने इंसान का खून बहाया जा रहा है. अख़लाक़, पहलू आदि की हत्याएं हुई हैं और 12-वर्षीय इम्तियाज़ को हत्यारी भीड़ ने पेड़ से टांग कर फांसी दे दी. झारखण्ड में बच्चा चोरी के अफ़वाहों के उकसावे में भीड़ ने शेख सज्जू, शेख सिराज, शेख हलीम, नईम, गौतम वर्मा, विकास वर्मा और गंगेश गुप्ता की हत्या की. राजस्थान में स्‍वच्‍छ भारत अभियान के नाम पर महिलाओं की फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी करने से रोकने पर भाकपा(माले) कार्यकर्ता जफर हुसैन की नगर पालिका कमिश्‍नर के उकसावे पर पालिका कर्मियों ने पीट पीट कर हत्‍या कर दी.
नफ़रत-प्रेरित इन हत्याओं के निशाने पर ज्यादातर अल्पसंख्यक और दलित समुदाय के लोग हैं. पर नफ़रत की आग दावानल की तरह है - पडोसी के घर को जला डालने की मंशा से लगायी गई आग किसी के घर को नहीं बक्शेगी. नफ़रत की आग में हमारे पूरे देश को झोंक देने की कोशिश की जा रही है और हमारी एकता, हमारे साझे आन्दोलनों में हमारी साझी ताकत को कमज़ोर करने की कोशिश की जा रही है.
ऐसे माहौल में हमे उन्मादी भीड़ की हिंसा की किसी भी तरह की कार्यवाही के खिलाफ खड़े होने की ज़रूरत है। हम लोगों को अफ़वाह और नफ़रत फ़ैलाने वाली ताकतों से सावधान रहने की ज़रूरत है।
इसी मकसद से हमने भारत के संविधान के साथ एक जन-संकल्प अभियान शुरू किया है. भारत के संविधान की प्रस्तावना समता, स्वन्त्रता और धर्मनिरपेक्षता के सिधांतो को सामने रखते हुए देश के हर नागरिक को अपनी सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक विचार, विश्वास व अभियक्ति की स्वन्त्रता का अधिकार देता है. जबकि आज हमारी आपसी एकता पर नफरत की राजनीति का हमला है और हमारे विचार, विश्वास और अभिव्यक्ति को कुचलने की कोशिश की जा रही है. इस माहौल में जन-संकल्प अभियान की तरफ से आपसे अपील करते हैं कि अपने देश के संविधान को हाथ में लेकर हम संकल्प लें-
 *हम किसी भी बहाने सांप्रदायिक व जातीय हिंसा का हिस्सा नहीं बनेंगे।*
 *हम अफ़वाह और नफ़रत फ़ैलाने की किसी भी तरह की कोशिश के खिलाफ़ खड़े होंगे।*
 *हम देश में समता, स्वतंत्रता, एकता और भाईचारा का सन्देश फैलायेंगे।*
*_साथ ही हम किसी भी जातीय व सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ सख्त कार्यवाही और कानून की मांग करते हैं._*
*_नफरत और हिंसा मिटाओ_* –
*_अधिकार आन्दोलनों से एकता बनाओ_*
यह जन संकल्प अभियान दिल्ली एन सी आर के विभिन्न इलाकों में 15 जुलाई से 15 अगस्त तक चलेगा, जिसमें नुक्कड़ सभा, जन-सम्मलेन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा. आप समस्त नागरिकों से अपील है कि इस संकल्प अभियान के साथ जुड़े और अन्य लोगों को जोड़ने में सहयोग करें.
निवेदक- *भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले), आइसा, ऐक्टू, AIPF, NTUI, बिल्डिंग वर्कर्स यूनियन, ऐपवा, दिल्ली नागरिक मंच*

https://www.facebook.com/umaip/posts/1351902268192053

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