Thursday, 11 June 2015

कामरेड सूरज लाल का स्मरण क्यों?



(भाकपा उत्तर-प्रदेश के  सह-सचिव कामरेड अरविंद राज स्वरूप स्मृति सभा का प्रारम्भ करते हुये )

आज दिनांक 05 जून.2015 को 22 क़ैसर बाग , लखनऊ स्थित भाकपा कार्यालय में दिवंगत कामरेड सूरज लाल जी की स्मृति में एक भावभीनी श्रद्धांजली सभा सम्पन्न हुई। प्रदेश सह-सचिव कामरेड अरविंद राज स्वरूप ने उनके साथ UPTUC में किए गए उनके कार्यों का स्मरण किया और उनके पुत्र दिनेश जी को प्रदेश पार्टी की ओर से आश्वस्त किया कि सम्पूर्ण कम्युनिस्ट परिवार उनके साथ है। IPTA के राकेश जी ने उनके द्वारा निस्वार्थ भाव से दिये गए योगदान को स्मरण करते हुये बताया कि 1978 के लगभग IPTA के रिहर्सल कार्यक्रम में सूरज लाल जी ने भाग ले रहे कलाकारों को चाय पिलवाने का कार्य गुप्त रूप से किया था जिसका खुलासा तब हुआ जब चाय वाले को भुगतान करना चाहा तब उसने बताया कि सूरज लाल जी सारा भुगतान कर चुके हैं। इसी प्रकार उस समय के जिलामंत्री और होल टाईमर (जो प्रदेश सचिव होते हुये अब राष्ट्रीय नेता हो गए हैं ) कामरेड अशोक मिश्रा जी को सूरज लाल जी ने अपने नाम से सरकारी मकान एलाट करा कर दिया था जिसके आधार पर अशोक जी लखनऊ में सुगमता से सेटिल हो सके। कामरेड फूलचंद यादव जी ने उनके सिद्धांतनिष्ठ व दृढ़ विचारों के अनेक उदाहरण दिये।कामरेड मधुकर मौर्या ने सूरज लाल जी की 'निष्पक्षता' को रेखांकित किया और इस संदर्भ में उनके द्वारा की गई एक बैठक की उनकी अध्यक्षता का उदाहरण प्रस्तुत किया। कामरेड ख़ालिक़ ने उनके साथ अंतरंग आत्मीयता का मार्मिक वर्णन किया जबकि विजय माथुर ने सूरज लाल जी के सौहार्दपूर्ण व मधुर सम्बन्धों का ज़िक्र किया। अन्य प्रमुख वक्ताओं में सर्व कामरेड ओ पी अवस्थी,पी एन दिवेदी,अकरम,एन्नुद्दीन,ओ पी सिंह,डॉ संजीव सक्सेना,कान्ति मिश्रा जी,कल्पना पांडे जी आदि थे।


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पहली मई 1944 को जन्मे सूरज लाल जी का निधन 29 मई 2015 को हो गया था उनकी स्मृति में भाकपा कार्यालय पर एक स्मृति सभा विगत 05 जून 2015 को आयोजित की गई थी। संचालन करते हुये जिलामंत्री कामरेड मोहम्मद ख़ालिक़ साहब ने उनका संक्षिप्त परिचय देते हुये उनके साथ मिल कर किए गए संघर्षों और उनमें उनकी निष्ठा व लगन का वृहद वर्णन किया था। कामरेड अरविंद राज जी ने उनके सुपुत्र दिनेश जी को इंगित करते हुये यह भी कहा था कि जब कोई महत्वपूर्ण कामरेड संसार छोड़ जाता है तब उसके परिवार से पार्टी का रिश्ता टूट जाता है ऐसा नहीं होना चाहिए और उनकी अपेक्षा थी कि दिनेश जी अपने पिता के संघर्षों की पार्टी से जुड़ें। दिनेश जी ने सकारात्मक रुझान का संकेत भी दिया। 

सूरज लाल जी बिजली कर्मचारी संघ के कोषाध्यक्ष रहे थे उन्होने वरिष्ठ नेता कामरेड हरीश तिवारी जी की स्मृति में एक विस्तृत लेख लिखा था जिसका अंतिम भाग फोटो स्कैन के रूप में प्रस्तुत है। इससे हमें उनकी लेखन क्षमता व तथ्यों के गहन अध्यन करने की प्रवृति का पता चलता है वह मार्क्सवाद के अच्छे ज्ञाता थे।  मार्क्सवाद के साहित्य की दो दर्जन से अधिक पुस्तकें भावी पीढ़ी के ज्ञानार्जन के लिए उन्होने ज़िला कार्यालय को भेंट कर दी थीं। सूरज लाल जी जैसे ज्ञानवान व संघर्षशील कामरेड्स का आज नितांत आभाव है। जहां एक ओर कुछ स्थापित वरिष्ठ कामरेड नए लोगों को आगे बढ़ना तो दूर पनपने भी नहीं देना चाहते और अपना व अपने परिवार का पार्टी व जन-संगठनों में दबदबा कायम रखने में ही मशगूल हैं वहीं दूसरी ओर सूरज लाल जी जैसे सहयोगी व नई पीढ़ी को आगे बढ़ाने व उठाने में संलग्न  कामरेड का चला जाना पार्टी के लिए एक अपूर्णीय क्षति है। 
(--- विजय राजबली माथुर )
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