Friday, 1 July 2016

इस गाँव के लोगो और शिक्षकों ने बस अच्छा इंसान बनना सिखाया ------ कन्हैया कुमार


Rajneesh K Jha 
जब कन्हैया पहुंचा बेगुसराय ..... (बिहार का लेनिनग्राद)
ये कोई नितीश मोदी नहीं........ कॉमरेड है भीड़ सरकारी नहीं लाल सलाम है !!
कॉमरेड लाल सलाम !!

Roshan Suchan
ये दौलत के खिलाड़ियों की भीड़ नहीं , मोदी सरकार के खिलाफ नौजवानों की बगावत है __________________________________________________________
न कोई सरकारी मशीनरी और न ही पूंजीपतियों का कोई खज़ाना फिर भी देशभर में शिक्षा और रोज़गार के सवालों पे एक बड़ा छात्र और युवा आंदोलन जन्म ले रहा है , AISF नेता और जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष Kanhaiya Kumar इसका नेतृत्व कर रहे हैं। मुख्यधारा के वामपंथी जनवादी छात्र युवा संगठनों के साँझे मोर्चे में हज़ारों हज़ार लोगों का मोदी सरकार की लूट और झूठ के खिलाफ एकजुट होना नौजवानों के सुनहरी भविष्य की उम्मीद को पैदा कर रहा है (आज की बेगूसराय , बिहार की रैली में कन्हैया कुमार)
https://www.facebook.com/permalink.php?story_fbid=1159009727497206&id=100001645680180
Kanhaiya Kumar
30 जून 2016  Begusarai ·
बेगूसराय की धरती ने दिनकर, आर.एस. शर्मा, सूर्यनारायण सिंह, चंदेश्वरी सिंह जैसे न जाने कितने रत्न पैदा किए हैं। यह धरती शहीदों के ख़ून से न जाने कितनी बार लाल हुई है। इसी धरती ने बचपन से ही मुझे देश समाज के हित में कार्य करने की प्रेरणा दी है और हर पल शोषितों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने की ताकत दी है। यह धरती राष्ट्रकवि पैदा करती है, राष्ट्रद्रोही नहीं। बेगूसराय की जो धरती आर.एस. शर्मा जैसा इतिहासकार पैदा करती है, उस धरती के लोग सरकार को न तो देश का इतिहास बदलने देंगे, न ही गंगा-जमुनी तहज़ीब को नेस्तनाबूद करने देंगे । गंगा के किनारे पैदा हुआ, यमुना के किनारे पढ़ता हूँ और इस तहज़ीब को बखूबी समझता हूँ I इसी तहज़ीब को बचाए रखने के लिए..... लड़ेंगे, जीतेंगे I
‪#‎Azadi‬
https://www.facebook.com/kanhaiya.kumar.14289/posts/1146031952086136
मोदी ने चाय बेची या नहीं यह हमें नहीं मालूम, मगर उनका यही रवैया रहा तो वे एक दिन देश ज़रूर बेच देंगे। ईस्ट इंडिया कंपनी और 'मोदी ऐंड कंपनी' में कोई अंतर नहीं रह गया है। जो लोग मटन बदल देने से, वीडियो बदल देने से सोचते हैं कि देश बदल रहा है, वे जनता को बेवकूफ़ समझने की भूल कर रहे हैं। जब एक-एक चीज़ राजनीति से तय हो रही है, तोे आपको अपनी राजनीति तय करनी पड़ेगी। दुबले-मोटे, ग़रीब-अमीर, सबके वोट की क़ीमत में जब कोई फ़र्क नहीं है, तो उनके बाल-बच्चों की शिक्षा में फ़र्क क्यों?
जब तक आप जैसे चाहने वाले, सच बोलने पर पीठ ठोकने वाले हमारे भाई- बहन, दोस्त-अभिभावक हमारे साथ हैं, हमारा हौसला कभी कमज़ोर नहीं होने वाला। हम 'सबको शिक्षा, सबको काम' की लड़ाई मुस्तैदी से लड़ते रहेंगे और सामाजिक व सांप्रदायिक सौहार्द स्थापित करने के लिए जान की बाजी लगा देंगे, मगर इस देशविरोधी सरकार के कुकृत्यों व जनविरोधी नीतियों की असलियत बताना बंद नहीं करेंगे।
दिनकर के इन शब्दों में हमारे आंदोलन का संदेश छिपा है:
"शांति नहीं तब तक जब तक सुख-भाग न नर का सम हो
नहीं किसी को बहुत अधिक हो नहीं किसी को कम हो।"
‪#‎Azadi‬
https://www.facebook.com/kanhaiya.kumar.14289/posts/1145983708757627




Kanhaiya Kumar

मेरे गाँव बीहट की गलियाँ, घर अाँगन, खेत, विद्यालय और बचपन की यादें....इस गाँव के लोगो और शिक्षकों ने केवल सफलता को जीवन का लक्ष्य मानने की शिक्षा कभी नहीं दी। बस अच्छा इंसान बनना सिखाया। समाज के प्रति ज़िम्मेदारी को हमेशा याद रखने का पाठ पढ़ाया। अभाव को कभी ख़ुशी के रास्ते में नहीं आने दिया। ज़्यादा क्या लिखूँ, लिखा भी नहीं जा रहा...
https://www.facebook.com/kanhaiya.kumar.14289/posts/1146327455389919





1 comment:

  1. Very effective speech and true words. You are a true leader. All salaam to you and your spirit.

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