छात्र नेता कन्हैया कुमार जो अब किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं 23 अक्तूबर 2016 को लुधियाना में भरी जनसभा में लोगों का आह्वान कर गए हैं कि , अब समय आ गया है जब 80 प्रतिशत गरीब,पिछ्ड़े, उपेक्षित लोगों को अपने शोषण व लूट के विरुद्ध उठ खड़े होना होगा। अगर ऐसा न हो सका तो देश धू - धू कर जल उठेगा। उनका प्रयास इस केंद्र सरकार द्वारा लगाई गई आग को बुझाने का प्रयास करना है। उनके भाषण की कुछ खास खास बातें इस प्रकार हैं :
*एक किसान अपनी उपज का सरप्लस पुनः उत्पादन में लगाता है जबकि ये पूंजीपति अपने सरप्लस को सट्टे में लगाते हैं जिसका देश और जनता को कोई लाभ नहीं मिलता है।
* शिक्षा को भी अब पाउच शिक्षा में बदल दिया गया है । जो साधन सम्पन्न हैं उनके लिए पूर्ण शिक्षा और जिनके पास धन व साधन नहीं हैं उनके लिए डिप्लोमा यानि कि, पाउच शिक्षा जो किसी काम की नहीं है।
*जिस हिन्दू हित की बात यह सरकार करती है वह भी झूठ है क्योंकि जो 70 प्रतिशत लोग आर्थिक रूप से पिछड़े हुये हैं उनमे भी तो 70 प्रतिशत लोग हिन्दू ही हैं उनके हित के लिए इस सरकार के पास कोई योजना नहीं है फिर किस बात का हिंदूवाद? मतलब कि यह सरकार खुद ही हिन्दू विरोधी भी है।
*क्रांतिकारी भगत सिंह का नाम मिटा कर मंगलसेन का नाम लाया जा रहा है कौन थे वह क्या जनता उनको जानती है? भगत सिंह को चिंतक - दार्शनिक होने के कारण परिदृश्य से हटाया जा रहा है।
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