Thursday 8 March 2018

वामपंथी दलों द्वारा लखनऊ में लोकतंन्त्र पर हमलों के विरुद्ध धरना ------ प्रदीप शर्मा


त्रिपुरा में वांम नेतायों , कार्यालयों ,और लोकतंन्त्र पर हमलों के खिलाफ लखनऊ में वामपंथी पार्टियों का प्रदर्शन और सभा । 
.............................................
लखनऊ / 8 मार्च , त्रिपुरा में 3 मार्च को आये चुनाव परिणाम के बाद से bjp औरipft द्वारा वांम नेतायों , कार्यलयों , घरों, लेनिन जैसे विचारकों की मूर्तियों और लोकतंन्त्र पर हमले के खिलाफ वांम दलों ने लखनऊ में विरोध प्रदर्शन और प्रतिरोध सभा की । 
प्रदर्शन माकपा कार्यलय , 10 विधान सभा मार्ग से शुरू होकर जी पी ओ स्थित गांधी प्रतिमा तक गया । जुलूस का नेतृत्व cpim पोलिट ब्यूरो सदस्य कामरेड सुभाषणी अली , केंद्रीय कमेटी सदस्य कामरेड जी इस मजूमदार , माकपा राज्य सचिव कामरेड हीरालाल , cpiml नेता रमेश सिंह सेंगर , cpi से मोहमद खलीक ,राकेश आदि ने किया । 
वक्ताओं  ने  स्पष्ट शब्दों में इन कायराना हमलों की तीखी की आलोचना की । कामरेड सुभाषणी अली ने कहा कि 
सवाल लेनिन ,गांधी , भगत सिंह , आंबेडकर के मूर्तियां तोड़े जाने का नहीं है और न ही सवाल चुनाव हार जाने का है। पूरी दुनिया में संघर्ष आम जनता के लिए प्रगतिशील विचारधारा जिसका प्रतिनिधित्व मार्क्स , लेनिन, आंबेडकर , गाँधी और भगत सिंह करते है, और हिटलर मुससोलिनी , सावरकर, गोडसे को मानने वाले नफरत के पुजारियों से है । नफरत की राजनीति लोकतंत्र की हत्या कर सत्ता के नशे में चूर है और जो भूल गए हैं के मूर्ती तोड़ने से विचार नहीं मरा करते । वामपंथ तुम्हारे खिलाफ लड़ता रहा है और हमारे कार्यकर्ताओं दफ्तरों पर हमला करके तुम हमें संघर्ष और शाहदत की विरासत से नहीं डिगा सकते हो #tripura वापिस लड़ेगा और भरपूर जवाब देगा । 
संघर्ष की विरासत पर हम सत्त्ता में आये थे और हमने भरसक मजदूर वर्ग के हित में काम किया । 
त्रिपुरा में कुछ वोट हमे कम मिल गया है, हम चुनाव हार गए हैं लेकिन इसका मतलब कतई नही की हम नष्ट हो गए । हम चुनाव की हार् स्वीकार करते है लेकिन लोकतंन्त्र और युद्ध में हमेशा सही जीते , हमेशा सत्य की जीत हो यह आवश्यक नही । 
#मुसोलिनी ने 1924 का इटली का आम चुनाव 64 परसेंट वोट पाकर जीता था , क्या वो सत्य और सही की जीत थी ?? #हिटलर ने जर्मनी का फेडरल चुनाव 44 प्रतिशत वोट के साथ 1933 में जीता था तो क्या वो सत्य और सही की जीत थी। 
इतिहास हमे बताता है कि की सही और सत्य को भी हार का सामना करना पड़ा था , और आज भी करना पड़ सकता है । गलत राजनीति की जीत हो सकती है , लेकिन इतिहास गवाह है कि अंतिम विजय सत्य और सही ही कि होती है । मुसोलिनी और हिटलर का अंत किसको याद नही । 
हम कम्युनिस्ट है , गलतियों से सीखते हैं, सुधारते है और जनता की लड़ाई को आगे बढ़ाते है । चुनाव हार से कम्युनिस्ट विचलित नही होते और हमारे संघर्ष रूकते हैं। 
हाँ , त्रिपुरा क्रांतिकारी धरती है , सबक लेकर हम वापिस आएंगे । हमारा लाल झंडा संघर्ष और बलिदान कस प्रतीक है , हमने उसको तह करके अगले चुनाव तक के लिए नही रख दिया है , वो आम जनता के संघर्ष में उसी सुर्खी से फहराएगा जैसा फहराता आया है । 
.: प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश किसान सभा के महामंत्री कामरेड मुकुट सिंह, सीटू नेता प्रेम नाथ राय , एडवा से मधु गर्ग, dyfi नेता राधे श्याम , खेत मज़दूर यूनियन से बृज लाल भारती , पूर्व विधायक दीना नाथ सिंह , cpiml नेता अरुण कुमार , राजीव cpi से फूलचंद सहित लखनऊ शहर के बड़े तादाद में जनसंगठनो , सामाजिक कार्यकर्ता और अमनपसंद नागरिक शामिल हुए ।
************************************************
(कामरेड मोहम्मद ख़ालिक़ के अतिरिक्त भाकपा की ओर से सर्व कामरेड राकेश, परमानंद दिवेदी, राम इकबाल उपाध्याय, मोहम्मद अकरम, सत्यनारायन, विजय माथुर  तथा अन्य दलों की ओर से कामरेड के के शुक्ल, कौशल किशोर तथा आर एस बाजपेयी के नाम भी उल्लेखनीय हैं। )
------ विजय राजबली माथुर 





No comments:

Post a Comment