Thursday, 23 January 2020

पुलिस कार्यवाहियों की न्यायिक जांच कराने की मांग ------ अरविन्द राज स्वरूप


लखनऊ
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती।
फोटो में (बाएं से दाएं )डॉ एस पी कश्यप सीपीएम के वरिष्ठ नेता , श्री सुरेंद्र नाथ द्विवेदी राष्ट्रीय लोक दल के प्रांतीय प्रवक्ता, श्री अशोक सिंह राष्ट्रीय जनता दल के प्रांतीय अध्यक्ष, डॉ गिरीश राज्य सचिव भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (अध्यक्षता करते हुए), डॉ हीरा लाल यादव राज्य सचिव ,भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), श्री जुबेर अहमद प्रांतीय अध्यक्ष लोकतांत्रिक जनता दल , कामरेड अरविंद राज स्वरूप सहायक सचिव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सभा का संचालन करते हुए।)

संविधान, लोकतन्त्र एवं धर्मनिरपेक्षता की रक्षा हेतु वामपंथी लोकतान्त्रिक दलों का अभियान आज से शुरू 
गणतन्त्र दिवस और महात्मा गांधी की शहादत दिवस पर भी होंगे कार्यक्रम
लखनऊ- 23 जनबरी 2020, उत्तर प्रदेश के वामपंथी एवं लोकतान्त्रिक दलों के संयुक्त तत्वावधान में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के जन्मदिवस पर एक सार्थक और सामयिक समारोह का आयोजन आज भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य कार्यालय पर किया गया। समारोह की अध्यक्षता भाकपा के राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने की। 
इस अवसर पर मौजूद वामपंथी एवं लोकतान्त्रिक दलों के नेताओं ने आज़ादी के आंदोलन में नेताजी के योगदान पर गहन चर्चा की, संविधान, लोकतन्त्र और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा का संकल्प लिया। संविधान की उद्देशिका का सामूहिक वाचन कर उसके संदेश को जन जन तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता जाहिर की। 
समारोह को संबोधित करते हुये भाकपा राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहाकि आरएसएस नियंत्रित केंद्र और उत्तर प्रदेश की सरकार हर तरह से विफल होजाने के बाद अपने प्रति उभर रहे जनाक्रोश को दबाने के लिये हर घ्रणित हथकंडा अपना रही है। एक ओर वह लोगों को तरह तरह से विभाजित करने को तमाम साजिशें रच रही है तो दूसरी ओर जनता को लाठी, गोली के बल पर दबा रही है। कश्मीर और राममन्दिर के बाद अब वे सीएए, एनपीआर और एनआरसी थोप रहे हैं वहीं तमाम लोकतान्त्रिक गतिविधियों को बेशर्मी से बाधित कर रहे हैं। पुलिस की गोली से गत दिनों 24 आंदोलनकारियों की जानें चली गईं, अनेक घायल हुये और सैकड़ों जेलों में बंद हैं। कानून व्यवस्था रोकने में असफल हुयी सरकार आंदोलन में हुयी हानि की भरपाई के नाम पर तमाम गरीबों का उत्पीड़न कर रही है। सरकार की जल्लादी कार्यवाहियों ने अँग्रेजी हुकूमत और हिटलर के अत्याचारों को पीछे छोड़ दिया है।
लेकिन अब जनता उनके कुक्रत्यों के खिलाफ सड़कों पर उतर आयी है। हर वर्ग उद्वेलित है। छात्रों, महिलाओं, किसानों, कामगारों की व्यापक कार्यवाहियों से सरकार स्तब्ध है। पर इससे सबक लेकर भूल सुधारने के बजाय वह वामपंथी दलों और विपक्ष पर भड़ास निकाल रही है। दमन की सारी सीमाएं लांघ कर इटावा में आंदोलनकारी महिलाओं पर पुरुष पुलिस ने बहशियाना ढंग से लाठियाँ चलाईं और उन्हें खदेड़ दिया। लखनऊ के घंटाघर पर जमी महिलाओं को शर्मनाक तरीके से प्रताड़ित किया जारहा है। आजादी के बाद यह पहली सरकार है जिसने अपनी ही जनता के खिलाफ अन्यायपूर्ण युध्द छेड़ दिया है। पर जनता ने भी मन बना लिया है की अब या तो सीएए, एनपीआर और एनआरसी ही रहेंगे या ये सरकार ही रहेगी। 
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी- मार्क्सवादी के राज्य सचिव डा॰ हीरालाल ने कहाकि ये सरकारें संविधान, लोकतन्त्र और धर्मनिरपेक्षता की हत्या करने पर उतारू हैं। पर हम ऐसा कदापि नहीं होने देंगे। केन्द्रीय स्तर पर 20 विपक्षी दलों ने “संविधान बचाओ, और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा करो अभियान का आह्वान किया था। उत्तर प्रदेश में आज उसकी शुरुआत होचुकी है। 26 जनवरी गणतन्त्र दिवस और 30 जनबरी महात्मा गांधी की शहादत के दिन आयोजन कर संविधान की रक्षा की शपथ ली जाएगी और संविधान की उद्देशिका का सामूहिक वाचन किया जायेगा। उन्होने सभी दलों के कार्यकर्ताओं से गाँव मोहल्लों और कस्बों में जाकर भाजपा सरकारों के काले कारनामों को उजागर करने और संविधान रक्षा के संकल्प को विस्तारित करने का आह्वान किया। पूरे सप्ताह सघन अभियान चलाने की अपील की। 
लोकतान्त्रिक जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष श्री जुबेर अहमद ने कहाकि यह एक ऐसी सरकार और पार्टी है जिसका हर व्यक्ति दिन भर झूठ बोलता है। ये अपना छिपा एजेंडा लागू करना चाहते हैं। इस साजिश को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। 
राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष श्री अशोक सिंह ने कहाकि ये दिखाबे के लिये मुसलमानों और पाकिस्तान की बात करते हैं, वास्तव में ये गरीबों को कुचलना चाहते हैं। गरीबों को आज पहले से अधिक संगठित होने की जरूरत है। 
समारोह में राष्ट्रीय लोकदल के प्रवक्ता श्री सुरेन्द्र नाथ द्विवेदी, फारबर्ड ब्लाक के नेता कामरेड उदयनाथ सिंह, माकपा के वरिष्ठ नेता एसपी कश्यप, श्रमिक नेता डी॰ के॰ यादव, महिला फेडरेशन की नेता कान्ति मिश्रा के अतिरिक्त कांग्रेस व एनसीपी के स्थानीय नेताओं ने भी संबोधित किया। संचालन भाकपा के राज्य सहसचिव का॰ अरविंदराज स्वरूप ने किया। 
एक प्रस्ताव पारित कर इटावा में सीएए के विरूध्द आंदोलन कर रही महिलाओं पर भीषण लाठी चार्ज की निन्दा की गयी और दोषी पुलिस अधिकारियों को हटाने की मांग की गयी। जगह जगह चल रहे आंदोलनों पर चलाये जारहे दमनचक्र की निन्दा की गयी। सीएए लागू किए जाने के बाद से ही पुलिस कार्यवाहियों की न्यायिक जांच कराने की मांग की गयी। यह भी रेखांकित किया गया की शासक दल धड़ल्ले से रेलियाँ आयोजित कर रहा है और वामपंथी लोकतान्त्रिक दलों की जनता के पक्ष में आवाज उठाने की कार्यवाहियों को धारा 144 और अन्य तानशाह तरीकों से रोका जारहा है। उत्तर प्रदेश भर से धारा 144 हटाने की मांग भी की गयी। 
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश

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