Tuesday, 23 September 2014

लखनऊ पूर्व से भाकपा प्रत्याशी रहे कामरेड राजपाल द्वारा चुनाव समीक्षा

  लोकसभा और विधानसभा मतदाता सूचियों में अंतर एक साजिश
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Rajpal urf Raju Yadav <rajpal.raju0108@gmail.com>

9:45 AM
लखनऊ ,23 सितंबर 2014 । भाकपा के नगर सचिव और लखनऊ पूर्व से प्रत्याशी रहे कामरेड राजपाल उर्फ राजू यादव ने आज यहाँ एक बयान जारी करके यह रहस्योद्घाटन किया कि मई 2014 के लोकसभा चुनावों में अपने मताधिकार का प्रयोग कर चुके तमाम यादव मतदाताओं के नाम सितंबर 2014 में हुये विधानसभा चुनाव की मतदाता सूचियों से गायब पाये गए हैं। ये सभी यादव मतदाता किसके इशारे पर मतदान से वंचित किए गए हैं? राजपाल ने बताया कि यह बात जग ज़ाहिर है कि अखिलेश यादव जी के मुख्यमंत्री रहते उनके इशारे के बगैर उनके सजातीय यादव मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से काटने का साहस सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों में हो ही नहीं सकता। अतः यह खेल प्रदेश सरकार की एक सोची समझी साजिश है जिसके जरिये भाजपा प्रत्याशी को आसान जीत दिलाई गई है। उन्होने जनता का आह्वान किया कि सपा-भाजपा की इस मिलीभगत की साजिश से सावधान रहे।

टंडन जी की जीत में मायावती जी का भी योगदान

टंडन जी की जीत में मायावती जी का भी योगदान

Rajpal urf Raju Yadav <rajpal.raju0108@gmail.com>

3:47 PM (18-09-2014 )
लखनऊ,17 सितंबर 2014, लखनऊ पूर्व से भाकपा प्रत्याशी रहे कामरेड राजपाल उर्फ राजू यादव ने आज यहाँ अपने फैजुल्लागंज स्थित निवास पर अपने सहयोगियों को धन्यवाद देने हेतु बुआई गई एक बैठक में बोलते हुये यह रहस्योद्घाटन भी किया कि चुनाव में जीत हासिल करने वाले आशुतोष टंडन जी के पिता श्री लालजी टंडन और मायावती जी के बीच बहन-भाई के पुराने रिश्ते हैं और वह उनको राखी भी बांधती रही हैं। इस चुनाव में मायावती जी ने अपने भतीजे आशुतोष टंडन जी को जितवाने के लिए अपने समर्थक लगभग बीस हज़ार वोट उनको ट्रांसफर करा दिये। इस कारवाई को छिपाए रखने के लिए एक निर्दलीय प्रत्याशी को समर्थन देने का झूठा स्वांग भी रच डाला। लेकिन कुल 27 हज़ार समर्थक वोटों में से उस निदलीय को केवल 7 हज़ार वोट मिलना यह साबित करता है कि बाकी वोट टंडन जी को पड़वाये गए थे।
राजपाल ने बताया कि आगामी चुनावों में हमें सपा-बसपा-भाजपा के मिले जुले खेल को अच्छी तरह समझते हुये चुनाव लड़ना होगा। उन्होने अपने सभी सहयोगियों के प्रति आभार जताया कि कठिन हालत के होते हुये भी उन्होने जी जान से इस चुनाव को लड़वाया और आगे भी सबसे सहयोग मिलने की उनको पूरी पूरी आशा है। सभी जनों ने उनको आश्वस्त किया कि वे अपना सहयोग पूर्व वत जारी रखेंगे।
राजपाल उर्फ राजू यादव
नगर सचिव ,भाकपा, लखनऊ
एवं पूर्व प्रत्याशी-लखनऊ पूर्व

 

 

सपा व भाजपा पर मिलीभगत का आरोप

:लखनऊ पूर्व से भाकपा प्रत्याशी रहे राजपाल उर्फ राजू यादव द्वारा सपा व भाजपा पर मिलीभगत का आरोप

Rajpal urf Raju Yadav <rajpal.raju0108@gmail.com>

3:25 PM (18-09-2014 )
लखनऊ,17 सितंबर 2014, आज यहाँ जारी एक बयान में लखनऊ पूर्व से भाकपा प्रत्याशी रहे कामरेड राजपाल उर्फ राजू यादव ने भाजपा और सपा में मिलीभगत होने का गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि लोकसभा चुनावों के समय सपा ने भाजपा को जिताने में मदद की थी। अगर ऐसा न होता और मोदी लहर का कोई करिश्मा होता तो मुलायाम परिवार का एक भी सदस्य चुनाव क्यों नहीं हारा ?जबकि सभी को हारना चाहिए था। लेकिन भाजपा ने मुलायम परिवार के किसी भी सदस्य को नहीं हराया था जो उन दोनों में मिलीभगत होने का संकेत था। अब विधानसभा उप चुनावों में भाजपा ने उस एहसान का बदला चुकाने के लिए पूर्व में खुद जीती अपनी सीटें सपा को भेंट कर दी हैं। आदित्यनाथ का बयान भ्रामक है वह या उनकी पार्टी कोर्ट में जाकर उनकी सभाए होना सुनिश्चित कर सकती थी। लेकिन तय प्रोग्राम के अनुसार उनको सभी विधानसभा क्षेत्रों में नहीं भेजा गया था। लखनऊ गृहमंत्री राजनाथ सिंह जी का संसदीय क्षेत्र है और यह सीट उनको लालजी टंडन के स्थान पर मिली थी इसलिए वह टंडन जी के पुत्र को विधानसभा में भेजना चाहते थे। उनको मुलायम सिंह जी ने उसी तरह मदद की जैसी लोकसभा चुनावों में की थी। आशुतोष टंडन जी की यह जीत जनता के साथ सपा -भाजपा गठजोड़ द्वारा किया गया एक बहुत बड़ा धोखा है।
राजपाल उर्फ राजू यादव
नगर सचिव, भाकपा, लखनऊ
एवं पूर्व प्रत्याशी- लखनऊ पूर्व

भाकपा प्रत्याशी कामरेड राजपाल का संक्षिप्त परिचय



Rajpal urf Raju Yadav <rajpal.raju0108@gmail.com>

Sep 8 



173 लखनऊ पूर्व से भारतीय कम्युनिस्ट के प्रत्याशी 42 वर्षीय  कामरेड राजपाल उर्फ राजू यादव,नगर सचिव,भाकपा लगभग 22 वर्षों से छात्र व किसान आंदोलनों में संघर्ष रत  हैं। इनके पिताजी स्व.श्रीपाल यादव एक कर्तव्यनिष्ठ व ईमानदार किसान थे। उनसे ये गुण राजपाल जी को विरासत में मिले हैं। 

एक साक्षात्कार में उन्होने बताया कि उनका चुनाव लड़ने का उद्देश्य मात्र मेहनतकश मजदूर,पटरी दुकानदार,किसान व क्षेत्र के चौतरफा विकास जैसे-सड़क,नाली,सीवर,लाईट,विद्युत की कमी को दूर करने,बच्चों को अच्छी व सस्ती शिक्षा उपलब्ध कराने बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने,महिलाओं को रक्षा व सुरक्षा दिलाने,पुलिस उत्पीड़न को रोकने तथा सत्ताधारी पार्टियों द्वारा समाज ,क्षेत्र व देश में भाई-चारे को खत्म करने की साजिश को विफल करना है क्योंकि सांप्रदायिकता से इंसानी जीवन को खतरा पैदा हो गया है। 

एक मात्र भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ही ऐसा राजनीतिक दल है जो इंसानी रिश्ते और भाई- चारे तथा देश के चौतरफा विकास पर विश्वास करता है। उनको पूरी उम्मीद है कि इस बार जनता उन्हें भारी मतों से विजयी बना कर विधासभा में भेजेगी जिससे उसकी आवाज़ बुलंदगी से शासकों के समक्ष उठाई जा सके। 

1 comment:

  1. Comment from Facebook:
    Gulshan Kumar Ajmani ---yeh ek bahut sansanikhej rahasyodghatan hai. BJP aur S.P. ka parokhsa mel jol S.P. ki dhram nirpekhata par bhi savalia nishan khada karata hai.

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