फोटो सौजन्य से -प्रदीप शर्मा जी |
दोनों फोटो सौजन्य से - ताहिरा हसन जी |
लखनऊ, 06 दिसंबर 2015
आज दोपहर एक बजे रवींद्रालय, चारबाग से भाकपा, माकपा, भाकपा (माले ), एस यू सी आई (सी ), फारवर्ड ब्लाक, प्रलेस, जलेस, जसम, इप्टा, कलम, एपवा, एडवा, आइसा, एस एफ आई, डी वाई एफ आई, महिला फेडरेशन, निर्माण मजदूर यूनियन, भवन निर्माण मज़दूए सभा, सीटू, एटक, एकटू, दलित शोषण मुक्ति मंच के संयुक्त तत्वावधान में ' सद्भावना मार्च ' गांधी प्रतिमा, जी पी ओ पार्क तक निकाला गया जिसमें ई-रिक्शा यूनियन भी एक अलग मार्च द्वारा आकर संयुक्त हो गई।
सांप्रदायिक सौहाद्र, वाम एकता से संबन्धित विभिन्न जोशीले नारों के साथ यह जुलूस चलता आया, मार्ग में एक स्थान पर जनता द्वारा पुष्प-वर्षा करके जुलूस का अभिनंदन भी किया गया। जी पी ओ पार्क पहुँचने पर यह जुलूस एक सभा में परिणत हो गया जिसकी अध्यक्षता कामरेड मधु गर्ग, कामरेड आशा, कामरेड रमेश सेंगर, कामरेड जय प्रकाश के अध्यक्ष - मण्डल द्वारा की गई। प्रारम्भ में इस अध्यक्ष -मण्डल के सदस्यों ने डॉ अंबेडकर की प्रतिमा पर जाकर माल्यार्पण कर उनको परिनिर्वाण दिवस की श्रद्धांजली अर्पित की। सभा का संचालन माकपा के जिलामंत्री डॉ प्रदीप शर्मा द्वारा किया गया जिनहोने आज के इस आयोजन का परिचय दिया व प्रथम वक्ता के रूप में भाकपा की ओर से कामरेड राकेश को उनके बाद भाकपा ( माले ) के कामरेड कौशल किशोर, माकपा की कामरेड मधु गर्ग एवं SUCIC के कामरेड जय प्रकाश को विचार व्यक्त करने हेतु आमंत्रित किया। सभी वक्ताओं ने एक स्वर से मोदी सरकार की फासिस्ट व सांप्रदायिक नीतियों की कड़ी आलोचना की व वाम एकता को बनाए रखने तथा भविष्य में भी संयुक्त संघर्ष जारी रखने की घोषणा की।
ई-रिक्शा यूनियन की ओर से भाकपा के कामरेड मोहम्मद अकरम को अपने विचार रखने का अवसर मिला। उन्होने अपनी यूनियन की ओर से सद्भाव कार्यक्रमों में योगदान देते रहने की घोषणा की व इस मंच के माध्यम से ई-रिक्शा चालकों के हो रहे शोषण को समाप्त कराये जाने की मांग रखी।
सभा का मुख्य आकर्षण था इप्टा, लखनऊ द्वारा प्रस्तुत नाटक 'अच्छे दिन' ।' अच्छे दिन- अच्छे दिन ' से प्रारम्भ करके ' अब तो आपको सच्चाई समझ आ गई' पर नाटक का समापन हुआ जिसमें मोदी सरकार के झूठे व खोखले वादों का पर्दाफाश किया गया।
रवींद्रालय से ही जुलूस के साथ -साथ चलने वाले प्रमुख लोगों में सर्व कामरेड के के शुक्ला, ताहिरा हसन, मधु गर्ग, प्रदीप शर्मा, रमेश सेंगर, शकील अहमद सिद्दीकी, प्रदीप घोष शामिल थे। जी पी ओ पर जो प्रमुख लोग शामिल हुये उनमें डॉ चंद्रेश्वर, डॉ वीरेंद्र यादव, सुभाष राय ( प्रधान संपादक जन-संदेश टाईम्स ), भगवान स्वरूप कटियार, किरण सिंह, ऊषा राय, नलिन रंजन सिंह व फूल चंद यादव आदि थे।
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