वाम को जनता व मजदूर वर्ग से उनकी भाषा में संपर्क करना होगा ------ आकृति भाटिया :
पहले से निश्चित था कि , भाजपा की मोदी सरकार 2019 के चुनावों में छल - छद्यम से पुनः सत्तारूढ़ होने की जुगत में है जिसमें उसे सफलता इसीलिए मिल गई क्योंकि वामपंथी दल और नेता अपनी पोंगा - पंथी सोच को बदलने व जनता से उसकी भाषा में संपर्क करने को उद्यत नहीं हुये। 2024 में भी यदि चुनाव हुये तो इसी की पुनरावृत्ति होगी यदि वामपंथ ने खुद को न बदला तो।
' कृणवंतो विश्वमार्यम ' का वैदिक उद्घोष सम्पूर्ण विश्व को देश - काल से परे श्रेष्ठ बनाने को है और साम्यवाद भी सम्पूर्ण विश्व के कल्याण की ही बात करता है। यदि साम्यवादी / वामपंथी प्रचार भारतीय संदर्भों के आधार पर होता तब आर एस एस / भाजपा का छल कामयाब कैसे होता ?
( विजय राजबली माथुर )
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