भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव वरिष्ठ कामरेड अर्धेंदुभूषण वर्द्धन जी किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। 18 जनवरी 2015 को नागपुर में उनका सार्वजनिक अभिनंदन किया गया और उनके दीर्घायुष्य की कामना की गई कि उनसे आगे भी मार्ग-दर्शन प्राप्त होता रहेगा जिस प्रकार वह पिछले 75 वर्षों से मात्र 15 वर्ष की आयु से ही मजदूरों व आम जनता के संघर्षों में करते आए हैं। वर्द्धन जी नागपुर से 'विधायक' भी रह चुके हैं तब उनके साथ पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील जी भी महाराष्ट्र विधान सभा की सदस्या थीं। नागपुर वर्द्धन जी की 'कर्म-भूमि' रहा है और वहाँ के लोगों में वह आज भी लोकप्रिय हैं।
वर्द्धन जी की यह लोकप्रियता उनके सौम्य व्यवहार का प्रतिफल है। 25-26 वर्ष पूर्व जब मैं आगरा में मात्र ज़िला काउंसिल सदस्य था और डॉ राम गोपाल सिंह चौहान, डॉ महेश चंद्र शर्मा व रमेश मिश्रा जी के आव्हान पर सुंदर होटल, राजा-की मंडी स्थित ज़िला कार्यालय पर उनको सहयोग करने हेतु जाया करता था तब एक रोज़ अचानक वर्द्धन जी का वहाँ आगमन हुआ था और उस समय मैं ही उपस्थित था और कार्य व्यस्त होने के कारण वर्द्धन जी को प्रवेश करते देख नहीं सका था एक बड़े राष्ट्रीय नेता होने के बावजूद वर्द्धन जी ने मुझे 'प्रणाम' कह कर संबोधित किया तब मैंने खड़े हो कर उनको अभिवादन किया और बैठने का निवेदन किया। वर्द्धन जी ने एक अखबार पढ़ने को ले लिया और मुझसे कार्य करते रहने को कहा।आने पर कामरेड रमेश मिश्रा जी अचानक वर्द्धन जी को देख कर बेहद खुश हुये । उसी समय से मैं वर्द्धन जी की महानता का कायल हूँ। मैं उनके सुंदर,स्वस्थ,सुखद,समृद्ध उज्ज्वल भविष्य एवं दीर्घायुष्य की मंगल कामना करते हुये पार्टी पर उनका वरद हस्त बने रहने की इच्छा रखता हूँ।
----- विजय राजबली माथुर
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