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नवम्बर 1933 को जन्मे कामरेड गोविन्द पानसरे 1952 से भारतीय कम्युनिस्ट
पार्टी के सदस्य रहे . अख़बार बेचने ,नगर निगम में चौकीदारी .प्रायमरी स्कूल
में शिक्षक जैसे काम करते हुए वे लगातार
वंचित शोषित मजदूर वर्ग के अधिकारों के लिए लड़ते रहे ,लेबर लॉ प्रक्टिसनर
एसोसिएशन के अध्यक्ष तथा शिवाजी विश्वविद्यालय में पत्रकरिता व संवाद विभाग
में सहयोगी व्याख्याता के रूप में उन्होंने काम किया .एक लेखक के रूप में
उन्होंने शिवाजी का काल ,मंडल आयोग, मजदूर क़ानून ,पंचायत राज्य,धारा ३७०,
मुस्लिम और पिछड़ापन, धर्म,जाति ,वर्ग संघर्ष,वैश्वीकरण और किसान मजदूर
आन्दोलन , मजदूर विरोधी शासन की नीति ,अंधश्रद्धा निर्मूलन ,डंकल और आर्थिक
नीतियां,समाचार पत्र और कानून जैसे विषयों पर मराठी में अनेक पुस्तकें
लिखीं .शिवाजी पर उनकी लिखी पुस्तक की डेढ़ लाख से अधिक प्रतियाँ बिकीं और
अनेक भाषाओं में उसका अनुवाद भी हुआ . वे एक निर्भीक वामपंथी कार्यकर्त्ता
थे.मजदूरों के लिए लड़ते हुए वे सामाजिक प्रश्नों और शासन की नीतियों पर
लगातार टिपण्णी करते रहे .विगत दिनों शाहू ग्रन्थ महोत्सव में गोडसे पर
अपने विचार रखने के बाद से ही उन्हें लगातार धमकियाँ मिल रही थीं
.महापुरुषों पर निंदनीय बयानों के दौर में कोल्हापुर के भारतीय लोक आन्दोलन
के लोग उनके साथ थे और शहर में लगातार शांति का वातावरण बनाने के प्रयास
में थे किन्तु इसकी परिणति कामरेड गोविन्द पानसरे की हत्या के रूप में हुई.
देश भर में जिस तरह भय और आतंक का माहौल बना है उसमें अभिव्यक्ति की आज़ादी
पहला शिकार हुई है. एक वरिष्ठ लेखक पर हुआ यह हमला लोकतंत्र के चेहरे पर
बदनुमा दाग़ है. यह हमारे संवैधानिक अधिकारों पर तीखा कुठाराघात है.यह गाँधी
के देश में गोडसे के उभार का प्रतीक है और काले दिनों की आहट देने वाली
घटना है.
16 फरवरी को जब पानसरे जी पर हमला हुआ और यह समाचार तेज़ी
से फैला तो उनकी पुस्तक 'शिवाजी कोण होता? (शिवाजी कौन था) की अगले ही दिन
तीन हजार प्रतियाँ बिकी और पाँच हजार प्रतियों की प्री-बुकिंग हुई
है...इसकी जानकारी इस पुस्तक के प्रकाशक ने दी है
#हिंसा_के_ख़िलाफ़_कला"
मंच कामरेड पानसरे के ऊपर हुए हमले के लिए जिम्मेदार लोगों की शीघ्र
गिरफ्तारी की मांग करता है और अपने इस बुज़ुर्ग साथी को श्रद्धांजलि अर्पित
करता है.
https://www.facebook.com/photo.php?fbid=10204996373167095&set=a.1457698880522.2057822.1174862086&type=1
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