Tuesday, 15 March 2016

जेएनयू नहीं, लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई ----- कन्हैया

126 ***** जेएनयू के छात्रों ने देश विरोधी नारे लगाने के आरोप में बंद उमर और अनिर्बान की रिहाई के लिए मंडी हाउस पर मार्च किया। इसी दौरान तीन लोग कन्हैया कुमार के मंच पर बढ़े और पुलिस ने तीनों को हिरासत में ले लिया।*****मंडी हाउस से संसद तक आयोजित इस मार्च को पुलिस ने संसद मार्ग थाने से आगे नहीं जाने दिया।
पीपल्स मार्च में आए लोगों को यहीं पर कन्हैया ने संबोधित किया। संबोधन के दौरान कन्हैया पर तीन बार हमला करने की कोशिश की गई।***** 




जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर मंगलवार को चार युवकों ने हमला करने की कोशिश की, जिसे वहां खड़े दिल्ली पुलिस के जवानों ने नाकाम कर दिया। पुलिस तुरंत ही उन युवक को काबू में करके संसद मार्ग थाने में ले गई। जब यह घटना घटित उस समय कन्हैया पीपल्स मार्च में आए लोगों को संबोधित कर रहे थे।

देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए जेएनयू के छात्र उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य की रिहाई के लिए जेएनयू छात्र संघ के बैनर तले एक पीपल्स मार्च का आयोजन किया गया था। मंडी हाउस से संसद तक आयोजित इस मार्च को पुलिस ने संसद मार्ग थाने से आगे नहीं जाने दिया।

पीपल्स मार्च में आए लोगों को यहीं पर कन्हैया ने संबोधित किया। संबोधन के दौरान कन्हैया पर तीन बार हमला करने की कोशिश की गई। पुलिस के चौकन्ने जवानों ने सभी हमलों को नाकाम कर दिया और हमला करने की कोशिश करने वाले चार युवकों को थाने ले गई।

इन हमलों के बारे में कन्हैया ने कहा कि अगर मेरे ऊपर हमला करने से किसी का भला होता है तो मैं उसके लिए भी तैयार हूं। जो मेरे ऊपर हमला करना चाहते हैं, दरअसल वह मोदी सरकार के बचे तीन सालों में सेट होना चाहते हैं। यदि मेरी वजह से किसी को नौकरी मिल जाए तो भला इससे अच्छा क्या हो सकता है। क्योंकि मोदी जी तो किसी को नौकरी नहीं दे पा रहे हैं।

जेएनयू नहीं, लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई
पीपल्स मार्च को संबोधित करते हुए कन्हैया ने कहा कि यह मार्च सिर्फ जेएनयू बचाने के लिए नहीं बल्कि लोकतंत्र बचाने के लिए निकाला गया है। उन्होंने कहा कि तमाम तरह की साजिश की जा रही हैं। कहते हैं कि जेएनयू खतरनाक जगह है। जेएनयू खतरनाक जगह है क्योंकि वहां सरकार की जनविरोधी नितियों के खिलाफ आवाज उठाई जाती है। देश के विश्वविद्यालय जहां लोग ज्ञान प्राप्त करते हैं। वहां ज्ञान होता है जो लोकतंत्र को लेकर हो, जो संविधान को लेकर हो। यह सरकार उसी से ध्यान भटकाना चाहती है। लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई में हमें आगे बढ़ते रहना होगा।

लेखिका अरुंधति राय भी पहुंची
मशहूर लेखिका अरुंधति राय भी पीपल्स मार्च में अपना समर्थन देने के लिए संसद मार्ग थाने पहुंची थीं। उन्होंने कहा कि यह 'नफरत करने वालों' और 'सोचने वालों' के बीच की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि जिन्हें वे देशद्रोही कहते हैं, वे भूमि, नदी और जंगलों से प्यार करते हैं।

Published:15-03-2016 07:44:31 PMLast Updated:15-03-2016 08:44:45 PM
   
http://www.livehindustan.com/news/ncr/article1-jnu-mandi-house-protest-three-people-tried-to-threaten-kanhaiyakumar-arrested-520948.html



https://www.youtube.com/watch?v=w8S6rTyz2hA&feature=youtu.be



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