Saturday, 21 September 2013

”महंगाई, अत्याचार और भ्रष्टाचार के खिलाफ! सद्भाव, विकास और कानून के राज के लिये!!"---डॉ गिरीश

 
 कामरेड डॉ गिरीश ,राज्य सचिव -भाकपा,उत्तर प्रदेश


भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी एवं जन संगठनों द्वारा 30 सितम्बर को राजधानी लखनऊ में एक विशाल रैली आयोजित की जा रही है। इस रैली में भाकपा एवं जन संगठनों के कई वरिष्ठ नेतागण भाग लेने लखनऊ पधारेंगे।
उपर्युक्त जानकारी देते हुए भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने 19 सितम्बर को लखनऊ में   बताया कि इस रैली के प्रमुख वक्ता भाकपा महासचिव एस. सुधाकर रेड्डी होंगे। इसके अलावा आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस की सचिव अमरजीत कौर, अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव अतुल कुमार अंजान, भारतीय खेत मजदूर यूनियन के महासचिव नागेन्द्र नाथ ओझा, अखिल भारतीय नौजवान सभा के अध्यक्ष आफताब आलम, आल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन के अध्यक्ष परमजीत ढाबां एवं वह स्वयं भी सम्बोधित करेंगे। अन्य वामदलों के प्रादेशिक नेताओं को भी एकजुटता प्रकट करने हेतु आमंत्रित किया गया है।
रैली के आयोजन के उद्देश्यों के बारे में भाकपा राज्य सचिव डा. गिरीश ने बताया कि केन्द्र और उत्तर प्रदेश की सरकारें लगातार जनविरोधी कामों को अंजाम दे रही हैं। इससे आम लागों के कष्ट और कठिनाईयां बेहद बढ़ गयी हैं। अपनी बदहाली के चलते लोगों में दोनों सरकारों के प्रति भारी गुस्सा है। इस गुस्से को आगामी लोक सभा चुनावों में अपने-अपने पक्ष में भुनाने के लिये साम्प्रदायिक एवं जातिवादी दल घृणित खेल खेल रहे हैं। मुजफ्फरनगर का दंगा इसी खेल का परिणाम है जिसमें भाजपा ही नहीं, कंाग्रेस, बसपा और सपा के नेता लिप्त पाये गये।
भाकपा एवं वामपंथ महसूस करता है कि जनता के इस गुस्से को सही दिशा दिये जाने की आवश्यकता है वरना इसका फायदा वही पूंजीवादी पार्टियां उठा ले जायेंगी जिनके काले कारनामों, निकम्मेपन एवं अवसरवादी नीतियों की वजह से यह जनाक्रोश पैदा हुआ है।
भाकपा जनता के ज्वलंत सवालों पर लगातार आन्दोलन चला रही है ताकि जनता के सामने एक वामपंथी जनवादी विकल्प पेश किया जा सके। इन्हीं आन्दोलन के अगले चरण के रूप में 30 सितम्बर को प्रदेशव्यापी रैली लखनऊ में की जा रही है। रैली की केन्द्रीय विषयवस्तु है - 
”महंगाई, अत्याचार और भ्रष्टाचार के खिलाफ!
सद्भाव, विकास और कानून के राज के लिये!!"
रैली में उन सभी बिन्दुओं पर चर्चा होगी जो आज प्रदेश एवं देश की तमाम मेहनत करने वाली जनता को व्यथित कर रहे हैं।


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