अमर उजाला, आगरा, 08 मार्च 2015 |
4 hrs ·(09 march 2015)
अब
इस हवा में आप साँस आप अपनी जान की कीमत पर ही लें ,क्यों कि आगरा के सी
एम ओ इस बात को नकारते हैं कि आगरा में स्वाइन फ्लू से किसी की मृत्यु हुई,Jitendra Raghuvanshi
मेरे भाई की जान इतनी सस्ती नही थी... ये ठीक वैसा ही अपराध है जैसे पुलिस
केस दर्ज नही करती ,जब दर्ज नही तो कुछ हुआ ही नही, हरसंभव कोशिश की पर
भैया तुम्हें बचा नही सके ..अंत तक तुमने संघर्ष किया..प्यारे भैया
..अपूर्णीय क्षति ..आगरा स्वास्थय प्रशासन अब तो जागे ..सचेत हो जाए..इस
तरह अब तो न हो
https://www.facebook.com/jyotsna.raghuvanshi.3/posts/597017707102445
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बहन ज्योत्स्ना रघुवंशी जी के उद्गार व्यक्तिगत दुख और पीड़ा के बावजूद सार्वजनिक हितचिंतन की प्रेरक अभिव्यक्ति हैं। सार्वजनिक हितचिंतन रघुवंशी जी के परिवार के संस्कार हैं जिनका पालन जितेंद्र भाई साहब सतत करते रहे थे।
अमर उजाला, आगरा के 08 मार्च के अंक में प्रकाशित स्वस्थ्य विभाग के सेंपिल प्रभारी डॉ साहब के बयान के अनुसार डॉ जितेंद्र रघुवंशी जी के स्वाईन-फ्लू से ग्रस्त होने की सूचना विभाग को नहीं भेजी गई थी। यह भी तो स्वास्थ्य विभाग की ही कमी है कि उसका नगर के चिकित्सकों व चिकित्सालयों पर कोई नियंत्रण ही नहीं है। यदि सरकारी आदेश के मुताबिक इस रोग की संभावना होने पर एस एन मेडिकल कालेज को सूचना मिलनी चाहिए थी तो 'पुष्पांजली' नर्सिंग होम ने क्यों नहीं दी? यह जांच का विषय है। जितेंद्र जी सिर्फ इप्टा के ही वरिष्ठ नेता नहीं थे वरन भाकपा, आगरा के भी वरिष्ठ नेता तथा भाकपा राष्ट्रीय काउंसिल के भी सदस्य थे अतः पार्टीगत -स्तर पर आगरा के स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही पर कारवाई की मांग की जानी चाहिए। यह केवल बहन ज्योत्स्ना रघुवंशी जी का पारिवारिक विषय नहीं है अतः स्थानीय,प्रादेशिक व राष्ट्रीय स्तर पर भी पार्टी को इस विषय को जोरदार ढंग से उठाना चाहिए जिससे शेष जनता लाभान्वित हो सके ।
---विजय राजबली माथुर
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