Wednesday, 27 April 2016

नहीं मानते रिपोर्ट, करेंगे आंदोलनः JNUSU



नई दिल्ली। जेएनयू के छात्र उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को यूनिवर्सिटी के निष्कासित करने के फैसले के बाद बवाल बढ़ गया है। छात्र संघ ने इस मामले पर देशव्यापी अभियान की धमकी दी है। जेएनयू प्रशासन ने ‘देशद्रोह’ मामले में जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद को अनुशासन तोड़ने का दोषी पाया था। जेएनयू प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए कन्हैया कुमार पर दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है जबकि‍ उमर खालिद को एक सेमेस्टर के लिए निष्कासित किया था।

कन्हैया कुमार ने किया ट्वीट

जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा कि हास्यास्पद जांच के आधार पर दंडात्मक कार्रवाई बस अस्वीकार्य है और संघ इसे खारिज करता है। कन्हैया कुमार ने ट्वीट किया कि जेएनयू हास्यास्पद समिति के आधार पर प्रशासन द्वारा दंड दिए जाने को खारिज करता है। अपने विरूद्ध फैसले को ‘अस्वीकार्य’ करार देते हुए अनिर्बान और उमर ने आरोप लगाया कि प्रशासन की कार्रवाई आरएसएस की शह पर परेशान करने जैसी है।

क्या था मामला ?

जेएनयू ने उमर खालिद को एक सेमेस्टर और मुजीब गट्टू को 2 सेमेस्टर के लिए निष्कासित किया है। जबिक अनिर्बान भट्टाचार्य पांच साल तक विश्वविद्यालय में कोई कोर्स नहीं कर सकते। इस मामले में जांच के लिए बनाई गई पांच सदस्यीय समिति ने कुछ दिनों पहले अपनी रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें कन्हैया सहित 21 छात्रों को दोषी माना गया। जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष आशुतोष, उपाध्यक्ष अनंत, छात्रसंघ के वर्तमान जनरल सेक्रेटरी रामा नागा समेत कुछ और छात्रों का एकेडमिक सस्पेंशन भी तय माना जा रहा था। देशद्रोह के मामले में कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य छह महीने की जमानत पर जेल से बाहर हैं। इन पर देश के खिलाफ नारेबाजी करने का आरोप है।

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नई दिल्ली

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी(जेएनयू) में कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगाने के मामले में आरोपी स्टूडेंट उमर खालिद और कन्हैया कुमार के खिलाफ हुई कार्रवाई का जेएनयूएसयू ने विरोध करने का फैसला किया है। जेएनयूएसयू प्रेजिडेंट कन्हैया ने कहा कि हम इस रिपोर्ट को खारिज करते हैं, क्योंकि यह एकतरफा जांच पर आधारित है और हमें अभी तक रिपोर्ट भी नहीं दी गई है।

उल्लेखनीय है कि उच्च स्तरीय जांच कमिटी की रिपोर्ट पर जेएनयू ने कार्रवाई करते हुए उमर को एक सेमेस्टर के लिए निष्कासित कर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। उमर के अलावा कन्हैया पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इस मामले के अन्य आरोपी अनिर्बान को 15 जुलाई तक के लिए निष्कासित किया गया है। इसके बाद 25 जुलाई से अगले पांच साल के लिए अनिर्बान को जेएनयू कैंपस से बाहर किए जाने का फैसला किया गया है जिसके तहत वह जेएनयू के किसी भी कोर्स में एडमिशन नहीं ले सकेंगे।

जेएनयूएसयू की वाइस प्रेजिडेंट शहला राशिद ने कहा कि कमिटी ने बयान एक पक्ष से लिए और हमारे बार-बार कहने पर भी सही तरीके से जांच नहीं की गई। सभी छात्र निर्दोष और बहुत गरीब पृष्ठभूमि से आते हैं। ये सभी कार्यकर्ता हैं और यह सरकार के खिलाफ हो रहे आंदोलन को कुचलने की साजिश है। कन्हैया ने कहा कि हमारी जनरल बॉडी की मीटिंग में छात्रों ने कमिटी की रिपोर्ट के खिलाफ प्रस्ताव भी पारित किया है। हम इसके खिलाफ अपना आंदोलन जारी रखेंगे।

इधर, एबीवीपी के सौरभ शर्मा ने कहा कि उनके खिलाफ फैसला जेएनयू टीचर्स असोसिएशन के दबाव में लिया गया है। जेएनयूएसयू ने इसे लेकर रात में एक मीटिंग भी बुलाई, जिसमें आगे की कार्रवाई को लेकर चर्चा की गई।
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