Wednesday, 20 November 2013

हड़ताली सरकारी कर्मचारियों को भाकपा का खुला समर्थन

लखनऊ 20 नवम्बर। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने उत्तर प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया है कि वह राज्य कर्मचारियों की मांगों पर संजीदगी से विचार कर उनकी हड़ताल को समाप्त कराने की दिशा में कोई प्रयास नहीं कर रही है। उल्टे राज्य सरकार हड़ताल को तोड़ने के तमाम के हथकंड़े अपना रही है और उन पर एस्मा जैसा दमनात्मक कानून लागू कराने का फैसला ले चुकी है।
भाकपा सरकार के इस कदम की घोर निन्दा करती है।
यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि राज्य कर्मचारियों की कई मांगें हैं जिनको सरकार को बहुत पहले ही पूरा कर देना चाहिए था लेकिन राज्य सरकार टाल मटोल की नीति अपनाती रही है। ऐसा नहीं है कि राज्य कर्मचारी एक दम हड़ताल पर चले गये। हड़ताल पर जाने के पहले उन्होंने कई अन्य जनवादी तरीकों से अपनी बात सरकार तक पहुंचाने की पूरी कोशिश की परन्तु यह राज्य सरकार लगातार हठधर्मिता अपनाये रही। यहां तक कि वह कुछ कर्मचारी संगठनों को बरगला करके हड़ताल से दूर रखने की कोशिशों में भी लगी रही। राज्य सरकार की ओर से ऐसी कार्यवाहियां अवांछित हैं।
भाकपा मांग करती है कि राज्य सरकार कर्मचारियों की हड़ताल के प्रति सकारात्मक रूख अपनाये और मुख्यमंत्री को हड़ताली कर्मियों के नेताओं से तत्काल वार्ता करना चाहिए और उनकी वाजिब मांगों को पूरा करके गतिरोध को तोड़ना चाहिए। यही उत्तर प्रदेश की जनता के भी हित में है।
भाकपा राज्य सचिव ने अपनी समस्त जिला इकाईयों को निर्देशित किया है कि वे कर्मचारियों की हड़ताल को सक्रिय समर्थन प्रदान करें ताकि उनकी मांगें पूरी हों और जनता को हो रही परेशानियों को भी दूर किया जा सके।
(डॉ गिरीश)
राज्य सचिव 
भाकपा,उ .प्र .
 
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२० नवंबर 2013 

                            अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस के उत्तर प्रदेश राज्य के अध्य्क्ष कामरेड अरविन्द राज स्वरुप ने ऐटक कार्यालय से जारी बयान में उत्तर प्रदेश सरकार से राज्य करमचारियों पर एस्मा लगाने के फैसले को तत्काल वापस लेने कि मांग कि है। उनोहने कहा सरकार को धमकी छोड़ कर बातों के टेबल पर आना चाहिए ताकि करमचारियों कि १५ सूत्री मांगो को हल किया जासके। उनोहने ऐटक  कार्यकर्ताओं  से अपील की  कि वो सरकारी दमन के विरुद्ध करमचारियों के साथ खड़े हो। उन्होंहने सरकार  से  भी कहा  कि वह अगर समाजवादी है तो आपनी नव उदार वादी आर्थिक नीतियों का त्याग करे और करमचारियों कि समस्याओं का समाधान करे। 
अरविन्द राज स्वरुप 
अध्यक्ष 
ऐटक ,उ ० प्र 


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