Friday, 11 October 2013

काहे तीसरा मोर्चा ?कामरेड ने खाई चौथी कसम :हम नहीं सुधरेंगे ---आनंद प्रकाश तिवारी

 कामरेड ने खाई चौथी कसम 
हम नहीं सुधरेंगे 
गहन मंथन के बाद निकला, वैकल्पिक राजनीतिक मंच। फिर आज तीसरा मोर्चा के 'गर्दभ राग'मे सुर मिलाने की क्या ज़रूरत?
'धर्म निरपेक्ष राजनीतिक दलों' की बात होगी तो कांग्रेस को किस आधार पर छोड़ेंगे। बचेगा कौन?
मौका परस्तों से कितनी बार धोखा खाएँगे?
हम जब भी उठ कर चलने की कोशिश करते हैं आप भकौन दिखा देते हैं। 
अपनी बरबादी से ही कोई सीख न लेने की कसम  खा रखी है ??
डूबते जहाज पर क्यों सवार होना चाहते हैं??
सवार होना ही है तो अकेले जाइए पार्टी को अब बख्श दीजिये। । 
  
 
Anand Prakash Tiwari


Com.ne khaee chauthi KASAM:
Hum nahi sudhrenge .

Gahan man than ke bad nikla, Vaikulpik Rajnitik Manch .Phir aaj teesara morcha ke Gardabh Rag me sur milane ki kya zaroorat ?
Dharmnirpekchh Rajnitik dalo ki bat hogi to Congress ko kis aadhar par chhorenge .bachega kaun?
Mauka parsto se kitni bar dhoka khayenge ?
Hum jab bhi uth kar chalane ki koshish karte hain Aap bhakaoon deekha dete hain.
Apni barbadi se hi koi seek n lene ki kasam kha rakhi hai ??
Doobate zahaz par kyo sawar hona chate hai ??
Sawar hona hi hai to AKELE zayiye Party ko ab BUXA dijiye.


Aaj Mulayam singh yadav ko sath lekar LEFT FRONT ko kya mill sakta hai???
 Kumar Vikash Kumar :Kuchh nahi badnami aur fazihat milegi
 Deepak Kumar: Dhokhebaz mulayam se dhokha milega. Left front ko akele chunav larna chahiye.
काहे तीसरा मोर्चा ?वैकल्पिक राजनीतिक मंच है न .जिसको आना हो उसी मे आए .आत्म हंता और विश्वासघाती लोगो मे साथ जाने का सवाल ही कहाँ है?बी जे पी  और कॉंग्रेस से अलग लेफ्ट मे बिना क्या बात होगी ? मुलायम की विश्वसनीयता नही रही.प्रशासन से राजनीति तक  का संकट  है.
दरअसल उ प्र की बागडोर भी उन्हे संभालनी चाहिए .उ प्र  की जनता और लेफ्ट का विश्वास जीतना ज़रूरी है, ज़ो फिलहाल संभव नही दीखता.अतः  मुलायम की दुकान सेकूलरिस्म के नाम पर कब तक चलेगी चिंतन का विषय  है. वांम  पक्ष तो अन्ना द्रमुक , द्रमुक , बीजद, जे डीयू , जे डी एस , एन सी पी , टी डी पी  पर ही भरोसा कर सकता है, लेकिन मुलायम और कॉंग्रेस से धोखा  खाने के बाद किस पर कितना भरोसा करें ?
राजनीति मे असली भरोसा तो जनता और कार्यकर्ताओ का है.बार बार धोखा नियती बन गयी है .उल्टे सीधे निर्णयो से कार्यकर्ता हताश होने लगा है.अब इस बार विद्रोह के स्वर भी दीख सकते हैं ।


Kahe Teesara Morcha ?Vaikulpik Rajnitik Manch hai n .Jisko Alana ho using me aaye .Aatm Hanta aur Viswasghati logo me sath Jane ka sawal hi kahan hai?
BJP aur Congress se alag LEFT me bina kya bat hogi ? Mulayam ki Vishwsniyta nahi rahi.Prashasan se Rajniti take ka sank at hai.
Darasal UP ki Bagdor bhi unhe sambhalni chahiye .UP ki Janta air LEFT ka vishwas jitna zaroori hai, zo philhal sambhav nahi deekhta.ath Mulayam ki dukan secularism ke Nam par kab tak chalegi chintan ka vishah hai.
Left cause to AIDMK, DMK, BJD, JDU, JDS, NC, TDP par hi bharosa kar Santa hai, Lekin Mulayam aur Congress se dhokh khane ke bad kids par kitna bharosa Karen ?
Rajniti me asli bharosa to Janta aur Karykartao ka hai.Bar Bar dhokha niyati ban gayi hai .ulte sidhe nirdayo se karykarta hat as hone laga hai.About is bar Vidroh ke swar bhi deekh sakte hain

 Asrar Khan: कामरेड मानिक सरकार एएआई के संस्थापकों में से हैं जिन लोगों ने १९७० में इसका पहला सम्मलेन किया था ...सरकार को सरकार चलाने का अच्छा अनुभव है लेकिन अब उनसे और बड़ा काम लिया जाता तो लेफ्ट को बहुत बड़ा फायदा हो सकता है ...प्रकाश करात माकपा के महासचिव के तौर पर असफल सिद्ध हुए हैं जिसे देखते हुए यदि सरकार को महासचिव बनाकर केवल माकपा को ही नहीं पूरे लेफ्ट को नई दिशा और गति प्रदान की जा सकती है ......उनको थर्ड फ्रंट का पीएम कंडीडेट भी बनाया जा सकता है ...

1 comment:

  1. ye to ab saf ho gaya hai ki ye nahi sudharnewale, ek bar fir inhone itihas se koi sabak nahi liya.......shame shame.........

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