Thursday, 24 October 2013

वाम एकता का 'कांटा' सी पी एम को बाहर करना पड़ सकता है---आनंद प्रकाश तिवारी


  •  सत्य कथन : लेफ्ट यूनिटी  के नाम पर हम बार बार शहादत देते हैं। लेकिन अब ऐसा नही होगा, ख़ासकर उ प्र मे । भले ही वृहत्तर बांम एकता का काँटा सी पी एम  को बाहर ही क्यो न करना पड़े

    यदि मुलायम सिंह  यादव को सद्बुद्धि आ जाये तो ववैकल्पिक राजनीतिक  मंच के हिस्सा बन सकते हैं। जिसका नेतृत्व  उ प्र  मे सी पी आई  करेगी । लोकसभा चुनाव  मे इसका बसपा से सीधा संघर्ष  होगा।
    उ प्र का परिणाम केंद्रीय सत्ता का आधार होगा।
    मिस्टर.मुलायम को वक़्त की नज़ाकत संमझनी चाहिए । कुछ पाने के लिए कुछ खोना भी होगा । उन्हे ईगो  छोड़ कर वैकल्पिक  राजनीतिक मंच (VRM)  का हिस्सा बन जाना चाहिए । उनकी किस्मत का ताला यहीं  से खुल सकता है । अन्यथा उनकी साइकल पंकचर  होना सुनिश्चित  है। लेफ्ट चाह कर भी अब उनकी साख वापस नही करा सकता । उनकी ज़्यादा होशियारी से लाभ भाजपा  और बसपा  के हिस्से चला जाएगा....



    Anand Prakash Tiwari Saty kathan .LeftUnity ke Nam par hum bar bar shahadat dete hain.Lekin ab aisa nahi hoga, khaskar UP me .bhale hi vrihattar bamekta ka kanta CPM ko bahar hi kyo n karna pare.
    Yadi Mulayam singh yadav ko sadbuddhi as jay to wo Vaikulpik Rajnotik Manch ke hissa bun sakte gain .Jiska netritwa UP me CPI karegi .Loksabha chunawe me iska BSP se seedha sanghsrsh hpga .
    UP ka parinam kendriy satta ka aadhar hpga .
    Mr.Mulayam ko waqt ki nazakat samzhani chahiye .kuchh pane ke liye kuchh khona bhi hoga .unhe I go chhorkar VRM kahissa bun Jana chahiye .Unki kismat ka TALA yahi se khool sakta hai .anytha unki Cycle punchar hona sunischit hai .Left chah kar bhi ab unki sakh wapas nahi Kara sakta .unki zyada hosiyari se labh BJP aur BSP ke hisse chala jayega....
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    (कामरेड आनंद प्रकाश तिवारी जी का आंकलन पूर्णता: सही है लगभग ऐसा ही सुझाव मैंने अपने ब्लाग-'क्रांतिस्वर' में उ प्र विधानसभा चुनावों से पूर्व दिया था। उस अनुरूप तो नहीं फिर भी खुद को पीछे हटा कर और अखिलेश को आगे ला कर कुछ हद तक अमल भी किया गया है। इसी प्रकार अब पहले ही से मुलायम सिंह जी को कामरेड आनंद प्रकाश तिवारी का सुझाव मान कर जनहित में कदम उठाना चाहिए। ---विजय राजबली माथुर )
     

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