रविवार 20 अक्तूबर 2013 को एक प्रेस कान्फरेंस में वरिष्ठ भाकपा नेता कामरेड अर्धेंधू भूषण वर्धन ने 30 अक्तूबर के सम्मेलन में भाग लेने वाले दलों का खुलासा किया था-
"The Janata Dal
(United), the SP, the Janata Dal (Secular), the CPI, the CPI (Marxist),
the Nationalist Congress Party and the All India Anna Dravida Munnetra
Kazhagam (AIADMK) are among those who will attend the convention."
जिसमें मुलायम सिंह के सपा को शामिल किए जाने पर उ प्र भाकपा में तीखी प्रतिक्रिया हुई है जिसका प्रस्फुटीकरण कामरेड आनंद प्रकाश तिवारी द्वारा जारी इस बयान से होता है:
" सेक्युलर पार्टी मे इन्हें क्यो न शामिल किया ज़ा रहा, बसपा , लोजपा , भाकपा (माले),तृणमूल कांग्रेस , टी डी पी , द्रमुक , एन सी पी , नेशनल कान्फरेंस , यू के डी ,ए डी आदि। यह सारा प्रेम धोखेबाज़ मुलायम सिंग यादव पर ही क्यो केंद्रित है। उ प्र मे ही आज ये औचित्यहीन हो चुके हैं .इनको साथ लेंने से से चुनाव पूर्व सी पी आई को क्या मिलेगा ? हम इंनकी गंदगी क्यो धोए?
चुनाव बाद के ईक्वेशन में कॉंग्रेस के साथ ही इन सभी दलो की भूमिका मुलायम से ज़्यादा विश्वसनीय होगी।
उ प्र मे फिलहाल सी पी आई ज़ो प्रयोग कर रही है उस मे बाधा डालना ठीक नही । इन्ही हरकतों से हिन्दी बेल्ट मे पार्टी हाशिये पर आ गयी है । अब तो यह खेल बंद होना चाहिए । बुज़ुर्गियत का नाज़ायज़ फ़ायदा ठीक नही। ऐसा न हो कि पार्टी की रैंक एंड फाइल अनावश्यक सम्मान देना भूल जाये।
चुनाव पूर्व मुलायम की चर्चा बंद होनी चाहिए । उन्हे उनकी करनी के साथ उनके हाल पर छोड़ दे।
करनी ही है तो अपनी चिंता लाते कॉमरेड!"
Anand Prakash Tiwari shared Communist Party of India's photo.
"The Janata Dal (United), the SP, the Janata Dal (Secular), the CPI, the CPI (Marxist), the Nationalist Congress Party and the All India Anna Dravida Munnetra Kazhagam (AIADMK) are among those who will attend the convention."
जिसमें मुलायम सिंह के सपा को शामिल किए जाने पर उ प्र भाकपा में तीखी प्रतिक्रिया हुई है जिसका प्रस्फुटीकरण कामरेड आनंद प्रकाश तिवारी द्वारा जारी इस बयान से होता है:
" सेक्युलर पार्टी मे इन्हें क्यो न शामिल किया ज़ा रहा, बसपा , लोजपा , भाकपा (माले),तृणमूल कांग्रेस , टी डी पी , द्रमुक , एन सी पी , नेशनल कान्फरेंस , यू के डी ,ए डी आदि। यह सारा प्रेम धोखेबाज़ मुलायम सिंग यादव पर ही क्यो केंद्रित है। उ प्र मे ही आज ये औचित्यहीन हो चुके हैं .इनको साथ लेंने से से चुनाव पूर्व सी पी आई को क्या मिलेगा ? हम इंनकी गंदगी क्यो धोए?चुनाव बाद के ईक्वेशन में कॉंग्रेस के साथ ही इन सभी दलो की भूमिका मुलायम से ज़्यादा विश्वसनीय होगी।
उ प्र मे फिलहाल सी पी आई ज़ो प्रयोग कर रही है उस मे बाधा डालना ठीक नही । इन्ही हरकतों से हिन्दी बेल्ट मे पार्टी हाशिये पर आ गयी है । अब तो यह खेल बंद होना चाहिए । बुज़ुर्गियत का नाज़ायज़ फ़ायदा ठीक नही। ऐसा न हो कि पार्टी की रैंक एंड फाइल अनावश्यक सम्मान देना भूल जाये।
चुनाव पूर्व मुलायम की चर्चा बंद होनी चाहिए । उन्हे उनकी करनी के साथ उनके हाल पर छोड़ दे।
करनी ही है तो अपनी चिंता लाते कॉमरेड!"
Anand Prakash Tiwari shared Communist Party of India's photo.
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