बी जे पी और कॉंग्रेस की रैलियो का इतना हो हल्ला है.?सी पी आई की पटना रैली मे गाँधी मैदान पट गया । जहा तक नज़र पहुंची लाल झण्डा और सिर ही सिर दीख रहा था। लोगो का कहना था बहुत साल बाद इतनी भीड़ दीखी ।
ग़ज़ब का उत्साह दीखा साथियो मे । लेकिन नेताओ का उदबोद्धन उतना ही उबाउ और बेदम था । प्रोग्राम के स्तर पर कन्फ्यूज़ दीखे ।
फिर भी लगा ये आगाज़ है आने वाले दिनों मे उठने वाले सैलाब का
लखनऊ 30 सेप.की रैली मे शामिल पार्टी कार्यकर्ताओ के दस गुना लोग शामिल हुए 25 ऑक्टोबर पटना रॅली मे। लेकिन हम निश्चित रूप से कह सकते हैं ज़ो राजनीतिक संदेश लखनऊ से निकला वो छाप पटना नही छोड़ पाया ।
कल हमने पटना मे सड़क से पूरे गाँधी मैदान , मंच तक छान डाला। लखनऊ मे ज़हा हर कार्यकर्ता को मालुम था क्या बोला जाएगा और ज़िज्ञासा थी क्या बोला गया वही पटना मे मंच से क्या बोला गया इससे किसी को मतलब नही था ..उन्हे तो पार्टी के साथ खड़ा होना था सो पूरे उत्साह के साथ खड़े हुए । वे नेतृत्व के प्रति आश्वस्त थे कि पुरानी ग़लतियाँ नही होंगी।
नेता कन्फ्यूज़ हैं क्या करे?
उन्हे लगता है अपने बल पर लोकसभा सीट जीत नही पाएँगे। लालू की इस जेल यात्रा से परेशान हैं । नीतीश के लिए इनका साथ लाभदायक नही हैं। लेफ्ट यूनिटी इनके सीट पर वोट नही बढ़ा सकती। सभी सीटों पर ये लड़ें नही इसलिए सहयोगी दलों को इनको फाड़ना ही है।
दिल्ली अभियान मे तीसरे मोर्चे का राग सी पी एम के साथ ही कुछ दलों को सूट करता है । उन्हे इसका सीधा ही लाभ मिलेगा लेकिन सी पी आई का सर्वनाश सुनिश्चित है । यह बात हमारे केंद्रिय नेता समझने को तैयार नही, या फिर सी पी एम के आतंक से प्रेरित है ।
सी पी एम अपने हित मे रणनीति बनाती है । हमारा खून बहाके अपनी शहादत का ढ़ोल पीटती है।
कॉंग्रेस को छोड़ कर सेक्युलर सरकार बनाने का ठेका ले रक्खा है। उस मे ही सी पी आई (एम एल), टी एम सी, द्रमुक, एन सी , अगप, एल जे पी , राजद, बीजद, यू के डी से बात नही करेंगे । कहाँ से बनेगी सरकार हाँ इस अभियान मे सी पी आई का सर्वनाश सुनिश्चित है।
भारतीय लोकतंत्र के लिए इसके अंदर सी पी आई का मज़बूत होना ज़रूरी है। एक मात्र यही पार्टी है जो कि लोकतान्त्रिक मान्यताओ को संरक्षित रख सकी है । बाकी तो सभी व्यक्तिगत स्वार्थ मे अंधे हो चुके हैं। विडंबना ही है की सी पी आई का नेतृत्व दूसरो के हितसाधन मे आँख मूँद कर जुट जाता है।
लेकिन अब ऐसा हुआ तो विद्रोह हो जाएगा ??
अब तो कार्यकर्ता शहादत की राजनीति संमझने को तैयार नही है।
हम अपनी लाश पर औरों को ऐश करने नही देंगे। 30 अक्टोबर देल्ही कन्वेन्षन की रणनीति का खुलासा किया जाये ।
पार्टनर तुम्हारी पॉलिटिक्स क्या है???
Anand Prakash Tiwari
BJP aur Congress ke Railiyo ko itna ho halla hai.?
CPI ki PATNA rally me Gandhi Maidan pat gaya .jaha tuk nazar pahuchi Lal zhanda aur sir hi sir deekh raha tha.logo ka kahna that bohut sal bad itni beer deekhi .
Gazab ka utsah deekha sathiyo me .Leki Netao ka Udbodhan utna hi Ubau aur Bedam tha .program ke star par confuse deekhe .
Phir bhi laga ye aagaz hai Aane Wale Dino me uthane wale Sailab ka
CPI ki PATNA rally me Gandhi Maidan pat gaya .jaha tuk nazar pahuchi Lal zhanda aur sir hi sir deekh raha tha.logo ka kahna that bohut sal bad itni beer deekhi .
Gazab ka utsah deekha sathiyo me .Leki Netao ka Udbodhan utna hi Ubau aur Bedam tha .program ke star par confuse deekhe .
Phir bhi laga ye aagaz hai Aane Wale Dino me uthane wale Sailab ka
Narendra Parihar vote katoo rajneeti hai ... sahmat hu ye dohari mansikta me hai ........ matlab ye vicharo ko tyag apna bhala dekh rahe hai॰
फेसबुक ग्रुप -COMMUNIST PARTY OF INDIA-CPI में प्राप्त टिप्पणी---
ReplyDeleteGuman Singh: Janta ki umid to hai per neta nahi samhe abhi tak