Tuesday 3 December 2013

कामरेड गुरुदास जी 'जन विरोधी-आधार कार्ड योजना' को रद्द करने हेतु भी संसद में पहल कीजिये

आदरणीय कामरेड गुरुदास जी 'जन विरोधी-आधार कार्ड योजना' को रद्द करने हेतु भी संसद का ध्यानाकर्षण करने की कृपा करें :

(कामरेड इंद्रजीत गुप्ता जी के गृह मंत्रित्व काल में सी बी आई के डाइरेक्टर रहे सरदार जोगिंदर सिंह जी भी 'आधार कार्ड योजना' को देश के लिए अनुपयुक्त मानते है और रिटायर्ड न्यायाधीश पुट्टा स्वामी जी भी। )


Supply subsidised LPG without Aadhaar’
ANDHRA PRADESH NELLORE

The CPI city unit staged a protest at the district collectorate here on Monday demanding that the poor and lower middle class families be given subsidised LPG gas cylinders without insisting on Aadhaar cards and bank accounts. CPI city secretary Sk. Muneer said that most of the uneducated workers do not have bank accounts and Aadhaar cards.
इसी ब्लाग के माध्यम समस्त सांसदों से आग्रह किया गया था :

जन-हितैषी एवं देशभक्त सांसदों से आग्रह है कि वे जन-विरोधी तथा देशद्रोही 'आधार कार्ड' योजना को रद्द कराकर साधारण जनता के हितों की रक्षा करें 

http://communistvijai.blogspot.in/2013/10/blog-post_5.html 

*चौथी दुनिया में प्रकाशित उपरोक्त संदर्भित लेख के महत्वपूर्ण तथ्य :
यूआईडीएआई ने इसके लिए तीन कंपनियों को चुना-एसेंचर, महिंद्रा सत्यम-मोर्फो और एल-1 आईडेंटिटी सोल्यूशन. इन तीनों कंपनियों पर ही इस कार्ड से जुड़ी सारी ज़िम्मेदारियां हैं. इन तीनों कंपनियों पर ग़ौर करते हैं तो डर सा लगता है. एल-1 आईडेंटिटी सोल्यूशन का उदाहरण लेते हैं. इस कंपनी के टॉप मैनेजमेंट में ऐसे लोग हैं, जिनका अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए और दूसरे सैन्य संगठनों से रिश्ता रहा है. 
 http://www.chauthiduniya.com/2011/08/uid-this-card-is-dangerous.html

(अभी तक आंध्र-प्रदेश के नेल्लोर ज़िले के भाकपा सचिव कामरेड एस के मुनीर एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी के बयान ही आधार कार्ड योजना के विरुद्ध प्रकाश में आए हैं अब समय आ गया है की सम्पूर्ण संसद इस देशद्रोही,जनविरोधी योजना को रद्द कराने हेतु एकजुट हो)


 उपरोक्त सरकारी घोषणा द्वारा मूल प्रमाण पत्रों द्वारा सभी नागरिकों को देशद्रोही 'आधार कार्ड योजना' का पालन करने को कहा गया है।

आधार पर निराधार नहीं हैं आशंकाएं---जोगिंदर सिंह 

http://www.jagran.com/miscellaneous/aadhar-card-is-important-for-every-one-10764199.html 

 * आधार कार्ड के खत्म होने पर आसमान नहीं गिर पड़ेगा।
पहले ही आधार कार्ड ने काफी कुछ घालमेल किया हुआ है।
*1996 में तत्कालीन गृहमंत्री इंद्रजीत गुप्ता ने कहा था कि देश में ढाई करोड़ बांग्लादेशी भारत में रह रहे हैं।
*अगर तब से अब तक कोई नया बंग्लादेशी भारत में नहीं भी आया तो भी बढ़ती जनसंख्या की दर से आज 17 वर्ष बाद यह आंकड़ा दोगुना या तिगुना हो गया होगा। तब से अब तक असम और पूवरेत्तर के अन्य राच्यों की जनसांख्यिकी बांग्लादेशी नागरिकों की घुसपैठ की वजह से बदल चुकी है। कुछ जिलों में तो इन बांग्लादेशियों की तादाद ने भारत के मूल नागरिकों की तादाद को भी पीछे छोड़ दिया है।


*विकास और रियायती दरों की सभी योजनाएं केवल भारतीय नागरिकों के लिए होती हैं, लेकिन आधार कार्ड से अवैध रूप से देश में रह रहे पाकिस्तानी और बांग्लादेशियों को भी मुफ्त खाद्यान्न का लाभ मिल जाएगा और सब्सिडी की रकम सीधे उनके खातों में जमा होने लगेगी।

The Ministry had unveiled the scheme in 97 districts and planned to extend it to almost 265 districts by January 1, under which all consumers in these districts had to get their bank accounts linked with their Aadhaar number to avail themselves of the subsidy. The Aadhaar platform, which provides a resident a 12-digit unique number after recording bio-metric information like fingerprints and iris, is being used to implement the cash transfer scheme.
But the Supreme Court ruled that Aadhaar could not be made mandatory for people to get government services and nobody should be deprived of any such facilities for want of the card. It also rejected the review petition filed by the government on this issue. 
 
 

The Aadhaar scheme is unconstitutional---Justice K.S. Puttaswamy

The Aadhaar scheme is unconstitutional as applicants are required to part with personal information on biometrics, iris and fingerprints, infringing their right to privacy, which is held part of the fundamental right to life under Article 21 of the Constitution, Justice K.S. Puttaswamy, retired judge of the Karnataka High Court, and other petitioners told the Supreme Court.
“There are no safeguards or penalties and no legislative backing for obtaining personal information, and the proposed law introduced by the government has been rejected by the Parliamentary Standing Committee on Finance. Provisions for collection and retention of biometric data have been held impermissible in the United Kingdom and France by their top courts.”
 

Attack on India's sovereignty and democracy---S.G.Vombatkere 

 

Surveillance and security
Surveillance by USA on India’s leaders and private citizens is bad enough, but India is preparing for its own internal surveillance. Surveillance assumes that the subject surveilled is a suspected spy or a criminal [Note 2]. This assumption for general public surveillance in a democracy is unwarranted because the general public becomes “suspect”. Surveillance of criminal suspects (targetted surveillance) is standard police and intelligence practice and, in a democratic society, is done with appropriate established, well-defined checks and safeguards, so that the power of surveillance is not misused to gain advantage or blackmail or settle scores for political or partisan purposes. Even with checks and balances in place, targetted surveillance has led to innumerable cases of staged or false “encounters” resulting in extra-judicial killings based on questionable intelligence reports, mere suspicion or motivated political orders.
 
 
Petroleum Ministry has created a confusion to deprive the poor people. They have made AADHAAR CARD mandatory for disbursement of subsidy on LPG cylinder purchase.

I am shocked with this decision.
 
 

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